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नाइजर में अपहृत झारखंडी श्रमिकों की रिहाई के लिए चलायेंगे डिजिटल कैंपेन: देवेंद्रनाथ महतो

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रांची

नाइजर में अपहरण किए गए झारखंड के श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर मंगलवार, 6 मई को एक डिजिटल ट्विटर कैंपेन चलाया जाएगा। इस अभियान की जानकारी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JKLM) के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। महतो ने बताया कि नाइजर में सक्रिय एक आतंकी संगठन द्वारा गिरिडीह जिले के पांच मजदूरों का अपहरण किया गया है, जो गंभीर चिंता का विषय है। यह केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि विदेशों में काम करने वाले भारतीय नागरिक कितने असुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, “अब समय है कि हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज बुलंद करें। डिजिटल माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए हम सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों पर दबाव बना सकते हैं।”


ट्विटर एक्स पर होगा #Bring_Back_Jharkhandi_Workers अभियान
यह डिजिटल कैंपेन मंगलवार को सुबह 10 बजे से शुरू होगा, जिसमें Bring_Back_Jharkhandi_Workers हैशटैग के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए ट्वीट किए जाएंगे। देवेंद्रनाथ महतो ने सभी राजनीतिक, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से अधिक से अधिक ट्वीट और रीट्वीट करने की अपील की है ताकि यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर उठ सके।
गिरिडीह के पांच मजदूर अब भी लापता
गौरतलब है कि गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के मुंडरो गांव निवासी उत्तम महतो और दोंदलो गांव के संजय महतो, फलजीत महतो, चंद्रिका महतो एवं राजू महतो 25 अप्रैल 2025 को पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर की राजधानी नियामे से करीब 115 किलोमीटर दूर सकोईरा में स्थित कल्पतरु प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के कार्यस्थल से अगवा कर लिए गए थे। घटना के दस दिन बाद भी अब तक किसी तरह की पुख्ता जानकारी सामने नहीं आ सकी है। महतो ने कहा, “यह घटना केवल उन पांच मजदूरों और उनके परिवारों की त्रासदी नहीं है, बल्कि विदेशों में काम कर रहे लाखों भारतीयों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।”

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