द फॉलोअप डेस्क
कोडरमा जिले के चांदेडीह गांव में 4 वर्षीय प्रतीक कुमार की रहस्यमयी मौत अब विवादों के घेरे में आ गई है। 18 मई को प्रतीक की मौत घर निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरने से हुई बताई गई थी, जिसके बाद परिजनों ने उसे गांव के श्मशान घाट में दफना दिया। लेकिन दो दिन बाद मामला नया मोड़ लेता चला गया। मृतक के परिजनों ने गांव के ही इंद्रदेव साव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जमीन विवाद के चलते उसने जानबूझकर प्रतीक की हत्या की है। वहीं, इंद्रदेव साव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि उसे और उसकी पत्नी को अंधविश्वास की आड़ में फंसाया जा रहा है।
इंद्रदेव का कहना है कि घटना के बाद उसे पंचायत में बुलाकर प्रताड़ित किया गया और उस पर बच्चे की मौत का दोष मढ़ा गया। इसके बाद गांव के कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि उसकी 11 साल पहले मृत मां की आत्मा ने बच्चे की मां पर सवार होकर प्रतीक की जान ली। इंद्रदेव ने बताया कि उसे और उसकी पत्नी को जबरन बरही (हजारीबाग) ले जाया गया, जहां उन्हें दो अलग-अलग ओझा और भगत के पास ले जाया गया। वहां यह कहा गया कि दोनों पर प्रेतात्मा का साया है, जिससे प्रतीक की मौत हुई।
इन घटनाओं से मानसिक रूप से परेशान होकर इंद्रदेव अपने परिवार सहित गांव छोड़कर चला गया और अगले दिन कोडरमा थाना पहुंचकर पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसने पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की। कोडरमा एसपी अनुदीप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी को दोनों पक्षों की शिकायतों पर निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही, रविवार को कोडरमा अंचलाधिकारी को मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए बच्चे के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि प्रतीक की मौत दुर्घटना थी या हत्या। इधर मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्होंने कभी अंधविश्वास या ओझा-बिसाही का सहारा नहीं लिया, बल्कि उनका सीधा आरोप है कि इंद्रदेव ने रंजिश में प्रतीक की हत्या की है और अब वह खुद को निर्दोष साबित करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ रहा है।