द फॉलोअप डेस्क
पलामू इन दिनों प्रस्तावित रेल कारखाना को लेकर सुर्खियों में है। अब तक किसी भी औद्योगिक इकाई से वंचित इस जिले को एक नई पहचान मिलने की संभावना दिख रही है। जिले के लोग इस पहल को लेकर खासे उत्साहित हैं और चर्चा का बाजार गर्म है।
जानकारी के अनुसार, हुसैनाबाद प्रखंड स्थित बंद पड़ी जपला सीमेंट फैक्ट्री की खाली जमीन पर रेल कारखाना खोलने की योजना है। हाल ही में पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने हैदरनगर पश्चिमी के भाई बिगहा में एक सड़क शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान बताया था कि केंद्रीय रेल मंत्री से इस विषय पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जपला में रेल कारखाना बन जाने से हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे यह पहल जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह रेल कारखाना पलामू जिले के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। चूंकि जिले में अब तक कोई भी बड़ी इंडस्ट्री नहीं है, ऐसे में इस कारखाने से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा। स्थानीय निवासी विजय तिवारी का कहना है कि पलामू अति पिछड़ा जिला है, ऐसे में कारखाना खुलना यहां के लिए सकारात्मक बदलाव की शुरुआत होगी।
हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जहां एक ओर रेल कारखाना खुलने की बात खुशी की खबर है, वहीं इसके लिए सीमेंट फैक्ट्री की जमीन का चयन यह संकेत देता है कि अब सीमेंट फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने की उम्मीदें लगभग खत्म हो जाएंगी। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि रेल कारखाना खुलने के बाद स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने के लिए एक स्पष्ट नीति बनाई जानी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को इस परियोजना से जोड़ा जा सके।