logo

रांची में 1000 करोड़ के रिम्स-2 के बजाए 40-40 करोड़ के 24 जिलों में अस्पताल बनाए सरकार: भाजपा

अजय_शाह.png

 

द फॉलोअप डेस्क
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जमकर निशाना साधा। भाजपा मुख्यालय से बोलते हुए उन्होंने रिम्स-2 परियोजना को लेकर पार्टी की आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की और वर्तमान रिम्स की बदहाली को उजागर किया।

उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए बताया, "रिम्स में डॉक्टरों, प्रोफेसरों, नर्सों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्थायी नियुक्तियों से बचते हुए आउटसोर्सिंग का रास्ता अपना रही है, जो न केवल अव्यवस्था को जन्म देता है बल्कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 की मूल आत्मा का भी उल्लंघन करता है। रिम्स में ज़रूरी उपकरण जैसे एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, और सीटी स्कैन मशीनें लंबे समय से खराब पड़ी हैं। यहां तक कि मरीजों को दी जाने वाली बुनियादी दवाइयों और सिरिंज तक की भारी कमी है। बावजूद इसके, सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की बजाय, केवल नई-नई इमारतें बनाने पर केंद्रित है।" 
कैग (CAG) रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर रख दी है, लेकिन सरकार ने उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।" उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताया, "रिम्स में कभी किसी बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत हो जाती है तो कभी कोई मरीज अस्पताल परिसर में ही दम तोड़ देता है। ये घटनाएं बताती हैं कि रिम्स न डॉक्टरों के लिए सुरक्षित है, न ही मरीजों के लिए।"

रिम्स-2 की घोषणा पर सवाल खड़ा करते हुए अजय साह ने आरोप लगाते हुआ कहा, "सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य नहीं, बल्कि हज़ारों करोड़ की इमारत बनवाकर कमीशनखोरी करना है।" उन्होंने इस परियोजना को संभावित ‘टेंडर घोटाले’ की रूपरेखा बताया। उनका कहना था कि जब खरसावां मेडिकल कॉलेज 13 वर्षों से अधूरा पड़ा है, कोडरमा का अस्पताल अधर में है, तब सरकार का ध्यान इन अस्पतालों के पूर्ण निर्माण की बजाय नई इमारतों की ओर क्यों है? यह सरकार की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

उन्होंने राज्य सरकार को मोदी मॉडल अपनाने की सलाह दी। जहां केंद्र सरकार दिल्ली एम्स पर बढ़ते भार को कम करने के लिए देशभर में नए एम्स खोल रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि रांची में एक ही हज़ार करोड़ रुपये का अस्पताल बनाने के बजाय, राज्य के पांच प्रमंडलों में दो-दो सौ करोड़ की लागत से पांच अस्पताल खोले जा सकते हैं। इसी बजट में, सरकार प्रत्येक जिले में चालीस करोड़ रुपये की लागत से 24 आधुनिक अस्पताल स्थापित कर सकती है। ग्रामीण इलाकों में अस्पताल खोलने से वहां की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी, लोकल लोगो को रोजगार मिलेगा और रांची रिम्स पर भार भी कम होगा। लेकिन जब पूरा खेल एक बड़ी इमारत बनवाकर कमीशनखोरी का हो, तब सरकार का सारा ध्यान वहीं केंद्रित रहेगा. इस प्रेसवार्ता में सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।

 

Tags - Jharkhand Politics Rims 2 in ranchi ranchi politics jharkhand Rims politics BJP vs JMM latest jharkahnd News BJP on Rims 2 Rims 2 latest news latest jharkahnd news Jharkhand Updates latest Jharkhand Updates latest jharkhand News jharkhand late