रांची
जेएलकेएम के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष और आंदोलनकारी देवेंद्रनाथ महतो ने सामूहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) पर मुख्य परीक्षाफल में मनमानी करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एसटी, एससी, ओबीसी वर्गों को दिए गए आरक्षण प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ की है। देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि आयोग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 1/2024 में मुख्य परीक्षा परिणाम नियम 3(ग) और झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियम 2023 के मुख्य परीक्षा नियम 19(ख) का उल्लंघन किया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आयोग की इस मनमानी का दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करते हुए मीडिया के समक्ष विस्तार से अपनी बात रखी।
उन्होंने बताया कि विज्ञापन संख्या 1/2024 के अनुसार मुख्य परीक्षा परिणाम में नियम 3(ग) और परीक्षा नियम 19(ख) यह स्पष्ट करते हैं कि इंटरव्यू हेतु चयनित अभ्यर्थियों की पहली सूची अनारक्षित श्रेणी की कुल सीटों के 2.5 गुना के अनुपात में तैयार की जाएगी। इस सूची में अंतिम चयनित अभ्यर्थी का प्राप्तांक अनारक्षित श्रेणी का कटऑफ मार्क्स माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिन आरक्षित वर्गों (एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग) के अभ्यर्थियों ने कटऑफ मार्क्स से अधिक अंक प्राप्त किए हैं और जो किसी प्रकार का आरक्षण लाभ नहीं ले रहे हैं, उन्हें भी इस सूची में शामिल किया जाएगा।
देवेंद्र नाथ महतो ने आरोप लगाया कि आयोग ने इन नियमों का पालन नहीं किया। मुख्य परीक्षा परिणाम बिना कटऑफ मार्क्स और मार्कशीट जारी किए ही प्रकाशित कर दिया गया और साथ ही इंटरव्यू की तिथि भी घोषित कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया नियमावली के स्पष्ट उल्लंघन का प्रमाण है।
महतो ने आगे दावा किया कि जिस दिन कटऑफ मार्क्स जारी किया जाएगा, उस दिन और भी बड़ी गड़बड़ियां उजागर होंगी। उन्होंने सरकार और आयोग से अपील की कि वे इस पूरे मामले को गंभीरता से लें और आरक्षण तथा नियमावली का पालन सुनिश्चित करते हुए कोटिवार मुख्य परीक्षाफल जारी करें और साथ ही कटऑफ मार्क्स भी घोषित करें।
आंदोलनकारी देवेंद्र नाथ महतो ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नहीं सुना गया तो आंदोलन और उग्र होगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अबुआ सरकार को आरक्षण और नियमावली के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।