द फॉलोअप डेस्क
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी सोमवार, 26 मई यानि आज को सरना धर्म कोड की मान्यता की मांग को लेकर राजभवन का घेराव करेगी। यह जानकारी राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दी है। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक 20 सेकंड का वीडियो साझा किया है। दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यह आंदोलन केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की अस्मिता, आस्था और पहचान की लड़ाई है। उन्होंने सरना धर्म कोड और जनगणना में इसके लिए ‘सातवें कॉलम’ की मांग को आदिवासी समाज की सबसे बड़ी और अहम मांग बताया, जिसे अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के. राजू ने कहा कि आज संविधान खतरे में है। उसे बचाने के लिए कांग्रेस देशभर में अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरना धर्म को लागू करने के लिए संकल्पित है। सोमवार को सरना कोड को लेकर राजभवन का घेराव किया जाएगा। के. राजू रविवार को जमशेदपुर के साकची में आयोजित कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली सभा को संबोधित कर रहे थे। कहा कि सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए पार्टी संघर्ष जारी रखेगी।
इससे पहले शनिवार को दुमका में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान झारखंड आदिवासी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जोसांय मांझी ने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति उपासक है और अपनी संस्कृति के प्रति अत्यंत सजग और संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि सरना कोड की मांग वर्षों पुरानी है, लेकिन अब तक इसे मान्यता नहीं मिली है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मांझी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासी समाज के हितों की आवाज़ उठाई है और सरना कोड को लागू कराने के लिए लगातार प्रयास करती रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह मांग जल्द पूरी होगी और कांग्रेस इसके लिए हरसंभव प्रयास करेगी।