द फॉलोअप डेस्क
साहिबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र के रामपुर गाँव में बीते 30 मार्च को हुई घटना के बाद, अब उस परिवार के मासूम बच्चों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। पति द्वारा पत्नी की निर्मम हत्या कर दिए जाने के बाद, हत्यारा पति जेल में बंद है, और उसके छह छोटे बच्चे बेसहारा हो गए हैं। माँ-बाप का साया छिन जाने के बाद ये बच्चे अब भगवान भरोसे जी रहे हैं और दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
सोमवार को एक ऐसी ही मार्मिक घटना सामने आई जिसने सभी को झकझोर दिया। छह छोटे बच्चे रोते-बिलखते उधवा प्रखंड कार्यालय पहुँच गए। उनकी रुलाई सुनकर आसपास के लोग पहले तो कुछ समझ नहीं पाए। जब कुछ लोगों ने उनसे रोने का कारण पूछा, तो बच्चों ने कहा, "मेरे माँ को मेरे पिता ने मार डाला है। मेरे पिता जेल में बंद हैं, हम लोग अकेला महसूस कर रहे हैं।" इन मासूमों की बात सुनकर वहाँ मौजूद कई लोगों की आँखें नम हो गईं। बच्चों ने बताया कि उन्हें वर्तमान में खाने-पीने में भारी दिक्कत हो रही है और वे भूखमरी का सामना कर रहे हैं। इन बेबस बच्चों ने सीधे बीडीओ के पास जाकर रोते हुए मदद की गुहार लगाई।
बच्चों की दयनीय स्थिति देखकर बीडीओ जयंत तिवारी ने बच्चों की पूरी बात सुनी और उनकी दर्दनाक कहानी जानने के बाद त्वरित मदद के लिए आगे बढ़ गए। बीडीओ ने दरियादिली दिखाते हुए बच्चों को ज़रूरत की कुछ सामग्रियाँ उपलब्ध कराने की बात कही और आश्वासन दिया कि उनकी किसी भी कमी को वे जरूर पूरा करेंगे।
गौरतलब है कि 30 मार्च 2025 को राधानगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर गाँव में एक शराबी पति सादेक मुर्मू ने अपनी पत्नी मरंगमई टुडू की सबल से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में थाना में कांड संख्या 112/25 दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया था, जो वर्तमान में जेल में अपनी सजा काट रहा है। माँ की मौत और पिता के जेल जाने के बाद ये छोटे-छोटे बच्चे पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं। उनके बीच भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है, और वे जीवनयापन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
इस संबंध में बीडीओ सह सीओ जयंत कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चों को आर्थिक रूप से कुछ सामग्रियां उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही पीड़ित बच्चों का आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जायेगा।