द फॉलोअप डेस्क
भारतीय वायुसेना द्वारा पिछले महीने चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को उसकी वायु क्षमताओं में करारा झटका दिया गया है। इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, 6 से 10 मई तक चले चार दिनों के संघर्ष में भारतीय वायुसेना ने छह पाकिस्तानी लड़ाकू जेट, दो हाई-वैल्यू निगरानी विमान, एक सी-130 परिवहन विमान, 30 से अधिक मिसाइलें और कई मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन्स) को नष्ट कर दिया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशनल डेटा के तकनीकी विश्लेषण से यह पुष्टि हुई है कि हवाई संघर्ष के दौरान पाकिस्तान वायुसेना के छह लड़ाकू विमान मार गिराए गए। एक अत्यंत महत्वपूर्ण एयरबोर्न प्लेटफ़ॉर्म – जिसे या तो इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमान या अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट माना जा रहा है – को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से सुदर्शन मिसाइल सिस्टम द्वारा लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक में ध्वस्त कर दिया गया।
स्वीडिश मूल के एक और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम को भोलारी एयरबेस पर क्रूज मिसाइलों से निशाना बनाया गया। उस समय हैंगर के भीतर अन्य लड़ाकू विमान भी मौजूद थे, लेकिन पाकिस्तान द्वारा अभी तक मलबा हटाने की पुष्टि न किए जाने के कारण उन्हें आधिकारिक रूप से नुकसान में नहीं गिना गया है।
भारतीय रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों की रडार से गायब होने की दृश्य पुष्टि भी दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में एक ड्रोन हमले के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना का C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
इस पूरे अभियान में भारतीय सेना ने हवा से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों का अधिक प्रयोग किया, जबकि सतह से दागी जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग नहीं किया गया।
राफेल और सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों द्वारा एक समन्वित हमले में कई चीनी मूल के Wing Loong UAVs को भी नष्ट किया गया, जो मध्यम ऊंचाई और लंबी उड़ान क्षमता वाले मानव रहित सिस्टम थे।
6-7 मई की रात शुरू हुए इस संघर्ष में भारत ने आतंकी ढांचों पर जवाबी हमला करते हुए पाकिस्तान और पीओके में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जबरदस्त नुकसान झेलने के बाद पाकिस्तान ने 10 मई को युद्धविराम की अपील की, जिसके साथ यह संघर्ष समाप्त हुआ।