महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन राजभवन पहुंच चुके हैं। यहां राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
झारखंड में 29 जनवरी से जारी राजनीतिक अस्थिरता का पटाक्षेप हो गया। वरिष्ठ झामुमो नेता चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
चंपई सोरेन ने कहा कि पिछले 18 घंटे से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। राज्य में असमंजस की स्थिति बनी है।
JMM विधायक दल के नेता चंपई सोरेन चुने गये हैं। नेता चुने जाने के बाद उन्होंने कहा है कि, "गुरु जी हमारे आदर्श हैं। गुरु जी के आदर्श को मानकर हम झारखंड में अस्मिता बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन ने दोबारा राज्यपाल से समय मांगा है। बुधवार देर शाम राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात का दोबारा समय मांगा है।
चंपाई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, राज्यपाल ने अभी नहीं दिया समय
झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता हैं। इसके साथ ही वो झामूमो के उपाध्यक्ष भी हैं।
दुनिया के सबसे बड़े मेले में से एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का शुभारंभ आज से प्रगति मैदान हो गया है। झारखंड के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवम पिछड़ा वर्ग कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने मेले में बने झारखंड पवेलियन का उद्घाटन किया।
मणिपुर में हिंसा भड़क गई है। आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हैं। कुछ आदिवासियों के घरों को भी ध्वस्त कर दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा असर चुराचांद
मंत्री चंपई सोरेन के सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने 1 घंटे तक मंत्री के काफिले को रोके रखा। दरअसल 1932 खतियान लागू करने की मांग को लेकर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के जिला संयोजक मंडली द्वारा मंत्री चंपई स
मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री चंपई सोरेन की तबीयत लू लगने की वजह से बिगड़ी थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद चंपई सोरेन ने कहा कि ईश्वर तथा पुरखों की कृपा, डॉक्टरों के अथक प्रसाय तथा आप सभी की प्रार्थना एवं आशीर्वाद से मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
राज्य के कई जिलों में हाथियों द्वारा जान-माल, घरों की तोड़-फोड़ एवं खेतों में खड़ी फसल को नुकसान के बाद राज्य सरकार वर्तमान में 4.50 लाख रुपये मुआवजा देती है, जिसे 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से कांग्रे