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"मदरसा छात्रों को मिलेगी निःशुल्क पाठ्यसामग्री, झारखंड कैबिनेट ने दी मंजूरी"

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द फॉलोअप डेस्क 


झारखंड सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में 10 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। इन फैसलों में राज्य के अल्पसंख्यक, शिक्षा और कर्मचारी हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
राज्य सरकार ने मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के नवमी और दसवीं कक्षा के छात्रों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कॉपियां देने का फैसला किया है। इस योजना से राज्य के कुल 41,755 छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। इसके लिए सरकार हर साल 4.84 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
झारखंड मैनपॉवर आउटसोर्सिंग रेगुलेशन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत अब किसी भी कर्मी को न्यूनतम 5 वर्षों के लिए आउटसोर्स पर नियुक्त किया जाएगा और 3 वर्षों का अतिरिक्त विस्तार (एक्सटेंशन) भी मिल सकेगा। कर्मचारियों को सालाना 3% इंक्रीमेंट मिलेगा और सर्विस प्रोवाइडर को न्यूनतम वेतन देना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग से वेतन निर्धारण कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही आरक्षण नीति का पालन सुनिश्चित किया जाएगा और जैप-आईटी में गिरिवांस सेल का गठन भी किया जाएगा।
आउटसोर्स कर्मियों को 4 लाख रुपये तक का एक्सीडेंटल ग्रुप इंश्योरेंस प्रदान किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में नवमी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को विज्ञान की पत्रिका और 11वीं 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मासिक पत्रिका दी जाएगी।
राज्य सरकार ने झारखंड जल संरक्षण आयोग के गठन को भी मंजूरी दी है। इसका कार्यकाल 2 वर्ष होगा। विकास आयुक्त इसके अध्यक्ष होंगे जबकि विभागीय सचिव सदस्य सचिव की भूमिका निभाएंगे। आयोग में अन्य तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
इन फैसलों के जरिए सरकार ने राज्य के शिक्षा, कर्मचारियों और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों में एक अहम कदम उठाया है।

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