द फॉलोअप नेशनल डेस्क:
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में रहने वाली नद्रत पायलट बनेंगी। झुग्गी बस्ती की अंधेरी दुनिया से अनंत आसमान में हवाई जहाज उड़ाने का सपना पूरा करने में नद्रत की मदद एयर इंडिया की पायलट जोया अग्रवाल मदद कर रही हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में नद्रत ने बताया कि मेरी मां चाहती थी कि मैं इंजीनियरिंग करूं लेकिन मुझे अहसास हुआ कि मैं पायलट बनना चाहती हूं। हालांकि, पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग के लिए हमारे पास पैसे और जरूरी संसाधन नहीं थे। नद्रत बताती हैं कि मैंने फ्लाइंग स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी लेकिन मेरी खराब आर्थिक स्थिति की वजह से मुझे अस्वीकार कर दिया गया।
नद्रत बताती हैं कि जब जोया अग्रवाल को प्रधानमंत्री मोदी से भारत की बेटी पुरस्कार मिला तो मुझे लगा यही वह शख्स हैं जिनकी मदद से मैं अपनी कहानी पूरी कर सकती हूं।
#WATCH | Mumbai: On helping a slum girl fulfil her dream to become a pilot, Air India's pilot Captain Zoya Agarwal says, "This just the beginning... I want to make this from a dream to reality, for every girl who's got fire in her soul... The aviation sector is rapidly growing,… pic.twitter.com/eSnlPMeYYE
— ANI (@ANI) January 5, 2024
कैप्टन जोया अग्रवाल कर रही हैं नद्रत की मदद
इधर, झुग्गी बस्ती की लड़की नद्रत का पायलट बनने का सपना पूरा करने में मदद कर रहीं एयर इंडिया की पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल कहती हैं कि यह तो बस शुरुआत है। मैं उस हर लड़की के सपने को हकीकत में बदलते देखना चाहती हूं जिनके भीतर कुछ कर गुजरने की आग है। विमानन क्षेत्र में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बच्चे-बच्चियां भी आ सकें, इसका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगले तकरीबन 15 वर्षों में यह दोगुना होगा। हमें और लड़कियों की जरूरत होगी। जोया अग्रवाल कहती हैं कि हम किसी लड़की को केवल इसलिए हतोत्साहित नहीं कर सकते क्योंकि उसके पास संसाधन नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का भी सपना है कि 75वें वर्ष में चमकते भारत का सपना साकार हो।
सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक उड़ान भर पाई थी ख्याति
कैप्टन जोया अग्रवाल का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब उन्होंने अपनी टीम के साथ नॉर्थ पोल के ऊपर से सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक की उड़ान एयर इंडिया के बोइंग विमान से पूरी की थी। यह दुनिया का सबसे लंबा रास्ता है। जानने योग्य बात यह भी है कि इसमें सभी पायलट और क्रू-मेंबर महिलायें थीं। कैप्टन जोया अग्रवाल बोइंग की कमान संभालने वाली सबसे कम उम्र की पायलट हैं।