द फॉलोअप डेस्क
राज्य में हजारों की संख्या में आउट सोर्स पर कार्यरत कर्मियों के लिए राज्य सरकार नयी नियमावली का गठन किया है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तैयार नियमावली पर वित्त विभाग ने भी अपनी सहमति दे दी है। उम्मीद है कि कल होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस पर स्वीकृति मिल जाएगी। इस नियमावली में आउट सोर्स कर्मियों की सेवा शर्तें पहले से कुछ बेहतर हो जाएंगी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार अब किसी भी आउट सोर्स कर्मी को अचानक काम से नहीं हटाया जाएगा। उन्हें अलग अलग संवर्ग में अब तीन से पांच वर्ष का एक्सटेंशन मिलेगा। प्रति वर्ष तीन प्रतिशत का स्वतः इंक्रिमेंट मिलेगा और छुट्टी के दिन भी तय रहेंगे। इसके अलावा ईपीएफ में कटौती और ईएसआई की भी सुविधा दी जाएगी। वेतन निर्धारण के लिए सरकार अलग से कमेटी का गठन करेगी। साथ ही नये सिरे से आउट सोर्स कंपनियों का चयन किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार कल कैबिनेट की बैठक में सचिवालय अनुदेश में संशोधन पर भी स्वीकृति मिल सकती है। मालूम हो कि राज्य सरकार ने अविभाजित बिहार के समय गठित सचिवालय अनुदेश में संशोधन का फैसला किया था। इसकी जिम्मेदारी कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग को दी गयी थी। संशोधन में वैसे प्रावधानों को हटाया गया है जो अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। साथ ही सचिवालय अनुदेश में डिजिटाइजेशन को सम्मिलित किया गया है। अर्थात व्हाट्स एप, ई-मेल से प्राप्त सूचनाओं को भी आधिकारिक रूप दिया गया है। इसके अलावा ऑनलाइन व्यवस्था में कैसे सरकारी काम होगा, इसका भी प्रावधान किया गया है।