logo

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में बंद दरवाजे पर तड़पती रही गर्भवती, सांसद भड़के -स्वास्थ्य मंत्री से की शिकायत

manish5.jpg

द फॉलोअप डेस्क
बीती रात हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में बंद दरवाजे के कारण गर्भवती महिला को निजी अस्पताल जाना पड़ा था। इस मामले में आज हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल और सुपरिंटेंडेंट को सुबह 9 बजे मिलना था। लेकिन सुपरिटेंडेंट नदारद रहे। जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पहुंचे और उन्होंने मामले को समझा। संसाद की शिकायतों को नोट किया। उस रात जो ड्यूटी में तैनात थे उन डॉक्टरों को बुलाकर फटकार लगाई, संबंधित अधिकारी को 3 घंटे में अपना पक्ष लिखित तौर पर रखने को कहा। 


सुपरिंटेंडेंट को अनुपस्थित देखते ही सांसद मनीष जायसवाल भड़क उठे क्योंकि उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही सुपरिंटेंडेंट से 9:00 बजे मिलने का समय लिया था। ऐसे में हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी को फोन लगा लंबी बातचीत की। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाही और अनियमितताओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला एक गर्भवती महिला से जुड़ा है, जिसे प्रसव पीड़ा होने पर देर रात अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल का गेट बंद मिला और घंटों दरवाजा खटखटाने के बावजूद कोई दरवाजा खोलने नहीं आया।


गर्भवती महिला देर रात शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची थी, लेकिन वहां न तो कोई डॉक्टर मिला और न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी। महिला के परिजन घंटों गेट खटखटाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली। थक-हारकर महिला के परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, यदि समय रहते सरकारी अस्पताल में उपचार मिला होता, तो उन्हें ये जोखिम नहीं उठाना पड़ता। 


मनीष जायसवाल ने कहा कि"ये कोई पहली घटना नहीं है। यहां की लचर व्यवस्था अब आम हो गई है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से असंवेदनशील हो चुके हैं। जिम्मेदार स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।" इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था को उजागर कर दिया है। देखना होगा कि प्रशासन इसपर क्या कार्रवाई करता है या एक और मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा।