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बंद बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की पहल तेज़, टीम ने की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की से मुलाकात 

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रांची 
रांची के कांके स्थित वर्षों से बंद पड़ी राजकीय बेकन फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने की दिशा में गंभीर पहल शुरू हो गई है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। इसी क्रम में हैदराबाद स्थित नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट की दो सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने शुक्रवार को फैक्ट्री का स्थल निरीक्षण किया।
हैदराबाद से आए डॉ. एम. मुत्थु कुमार और डॉ. योगेश पी. गोडकर निरीक्षण के बाद काफी आशान्वित नजर आए। टीम ने फैक्ट्री के स्लॉटर सेक्शन, मशीन-रहित संचालन क्षमता और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उपयोग की संभावनाओं का मूल्यांकन किया। उम्मीद जताई गई है कि अगले कुछ महीनों में इसे आंशिक रूप से चालू किया जा सकता है।


मालूम हो कि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 28 से 30 अप्रैल के बीच तेलंगाना दौरे के दौरान नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट के अधिकारियों से मुलाकात कर बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की दिशा में ठोस चर्चा की थी। उसी बैठक के बाद हैदराबाद से विशेषज्ञों की यह टीम रांची पहुंची है।
टीम ने निरीक्षण के बाद बताया कि स्लॉटर सेक्शन की मौजूदा स्थिति 70–80% तक बेहतर है, जिसे बेहद कम लागत में पुनः चालू किया जा सकता है। मशीन-रहित संचालन के लिए आवश्यक संसाधन भी सीमित निवेश में जुटाए जा सकते हैं। साथ ही बड़े मशीनों को फिर से चालू करने के लिए भी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
टीम ने यह भी सुझाव दिया है कि बेकन फैक्ट्री को एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है, जहां करीब 100 युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के तहत प्रशिक्षित किया जा सकेगा। संस्थान इस दिशा में वित्तीय सहयोग देने को भी तैयार है।


टीम ने विभाग को सुझाव दिया है कि फैक्ट्री को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाए और साथ ही इसके व्यापक पुनरुद्धार की योजना पर भी काम किया जाए। आने वाले दिनों में हैदराबाद से तकनीकी विशेषज्ञों की एक और टीम फैक्ट्री का दौरा करेगी। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री के महाप्रबंधक डॉ. सनत पंडित, रीजनल डायरेक्टर डॉ. रवि कुमार और डॉ. नीरज वर्मा भी टीम के साथ मौजूद थे।

हैदराबाद की टीम ने मंत्री से की मुलाकात
निरीक्षण के बाद नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की से मुलाकात कर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी। डॉ. मुत्थु कुमार और डॉ. योगेश पी. गोडकर ने मंत्री को आश्वस्त किया कि फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की पूरी संभावना है। टीम ने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर तैयार कर विभाग को सौंप दी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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