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श्वेता सिंह के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची BJP, कहा- 4 वोटर आईडी, 2 पैन कार्ड और BSL क्वार्टर की जानकारी छिपाई 

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रांची
झारखंड विधानसभा की बोकारो सीट से निर्वाचित विधायक श्वेता सिंह एक बड़े विवाद में घिरती नजर आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपी गई शिकायत में श्वेता सिंह पर गंभीर चुनावी अनियमितताओं का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में श्वेता सिंह ने नामांकन पत्र भरते समय BSL (BSL–HSCL POOL) द्वारा आवंटित उस सरकारी क्वार्टर की जानकारी छुपाई जिसमें वे पिछले 10–12 वर्षों से रह रही हैं। आरोप है कि उन्होंने आवास से जुड़ा No Dues Certificate भी नामांकन के साथ संलग्न नहीं किया, जो नियमानुसार आवश्यक था। इस प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति को छुपाकर उन्होंने शपथ पत्र में गलत जानकारी प्रस्तुत की, जिसे Notary Public से सत्यापित कर चुनाव आयोग को सौंपा गया।


भाजपा नेताओं द्वारा दायर इस शिकायत में दावा किया गया है कि श्वेता सिंह के नाम से चार अलग–अलग वोटर आईडी कार्ड मौजूद हैं—तीन झारखंड के बोकारो से और एक बिहार के झाझा से। ये सभी EPIC कार्ड अलग–अलग विवरण के साथ बने हैं, जिनमें किसी में पति का नाम तो किसी में पिता का नाम दर्ज है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का अधिकार रखने का संकेत देती है, जो कि भारतीय चुनाव प्रणाली के नियमों का उल्लंघन है।
इसके साथ ही शिकायत में यह भी उल्लेख है कि विधायक श्वेता सिंह के पास दो अलग–अलग पैन कार्ड हैं—
(i) PAN No. CECCPS8218E, जिसमें पिता का नाम दिनेश सिंह दर्ज है
(ii) PAN No. CWPTPS5392A, जिसमें पति संयम सिंह का नाम अंकित है
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, जब एक व्यक्ति के लिए एक ही वैध पैन कार्ड होता है, तब दो पैन कार्ड का अस्तित्व फर्जीवाड़े का संकेत देता है। आरोप यह भी है कि श्वेता सिंह ने चुनाव में नामांकन के दौरान दूसरा पैन कार्ड उपयोग में लिया, जबकि पहले से एक पैन कार्ड उनके पास था।


भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आशंका जताई है कि यदि वोटर और पैन कार्ड में इतनी अनियमितताएं हैं, तो संभव है कि आधार कार्ड में भी गड़बड़ी की गई हो। उन्होंने यह मामला संविधान के अनुच्छेद 191 और 192 के तहत Office of Profit की श्रेणी में बताते हुए विधायक श्वेता सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
शिकायत के अनुसार, ये सभी उल्लंघन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 का सीधा उल्लंघन करते हैं, जिसके अंतर्गत चुनाव आयोग संबंधित जनप्रतिनिधि की सदस्यता रद्द कर सकता है और कानूनी कार्यवाही भी शुरू की जा सकती है।
शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
•    आदित्य साहू, प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद
•    बिरंची नारायण, पूर्व विधायक, बोकारो
•    सरोज सिंह, प्रदेश मंत्री
•    सुधीर श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक, विधि प्रकोष्ठ
•    अशोक बड़ाईक, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी
फिलहाल चुनाव आयोग की ओर से इस शिकायत पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मामला राजनीतिक और कानूनी रूप से अहम माना जा रहा है।

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