द फॉलोअप डेस्क
भारत के पहले वेव्स सम्मेलन में पलामू की प्रतिभाओं ने देशभर में अपनी कला और रचनात्मकता का परचम लहराया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में पलामू निवासी लेखक रोहित दयाल शुक्ला एवं आर्टिस्ट शिवांगी शैली को उनकी ऐतिहासिक ग्राफिक नोवेल के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह ग्राफिक नोवेल झारखंड की पारंपरिक सोहराई कला में चित्रित की गई थी।
यह ग्राफिक नोवेल राजा मेदिनी राय और औरंगज़ेब के सेनापति दाऊद ख़ान पन्नी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है। कला और इतिहास का यह समागम न केवल दर्शकों को आकर्षित कर गया, बल्कि निर्णायक मंडल का भी दिल जीत लिया। इस भव्य सम्मेलन का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस वैश्विक सम्मेलन का उद्देश्य भारत को वैश्विक मीडिया और मनोरंजन उद्योग का केंद्र बनाना है, जिससे देश की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को गति मिले। कार्यक्रम में मुकेश अंबानी अपने परिवार सहित मौजूद थे। इसके अतिरिक्त बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा की दिग्गज हस्तियों; शाहरुख खान, आमिर खान, शाहिद कपूर, अनिल कपूर, अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, रजनीकांत, मोहनलाल, अल्लू अर्जुन, चिरंजीवी, राजामौली, ए आर रहमान, करण जौहर जैसे दिग्गजों ने भी अपनी उपस्थिति से समिट को गौरवान्वित किया।
सम्मान की खबर मिलते ही पलामू में खुशी की लहर दौड़ गई। परिवार और मित्रों में खुशी की लहर दौड़ गई। रोहित शुक्ला के पिता शंकर दयाल, जो ज्ञान निकेतन के डायरेक्टर हैं, ने कहा, “यह हमारे जिले के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। सोहराई कला की राष्ट्रीय पहचान हम सबके लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।” उनकी माताजी मंजू देवी, जो गृहिणी हैं, भी बेटे की इस उपलब्धि पर भावविभोर रहीं। झारखंड के मशहूर चिकित्सक डॉ गोविंद माधव ने भी बधाई देते हुए कहा "पलामू के लिए यह अत्यंत गर्व का क्षण है. यहां के युवाओं को हमारे मित्र की सफलता से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारी धरती सिर्फ़ अभाव की धरती नहीं है बल्कि खनिज संपदा के साथ साथ पराक्रम और शौर्य के क़िस्सों से भी संपन्न है और अब तो इन्हें दुनिया के सामने लाने के लिये मजबूत कलम का भी साथ मिल गया है।
कांग्रेस नेता चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा, “यह पुरस्कार पूरे परिवार ही नहीं, पूरे पलामू के लिए गर्व का विषय है। हम रोहित को बधाई देते हैं और उनकी आने वाली पुस्तकों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।” रोहित शुक्ला के छोटे भाई सन्नी शुक्ला, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े नेता हैं, ने कहा, “पहली ही कृति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना उनकी विलक्षण प्रतिभा का प्रमाण है। यह परंपरा और नवाचार के संगम की मिसाल है।” पलामू की मिट्टी से उपजी यह सृजनात्मकता अब राष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ रही है और उम्मीद की जा रही है कि यह वैश्विक पहचान की ओर भी अग्रसर होगी। बधाई देने वालों में नीतू शुक्ला, राजीव त्रिवेदी, अमित पाण्डेय, सुमित पांडेय, सौरभ तिवारी हैं साथ ही सभी परिवार वालों और मित्रों ने शुभकामनाएं दी।