द फॉलोअप डेस्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले में बिहार के नालंदा जिले का दौरा करने वाले हैं। इस दौरे के दौरान वह एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेंगे। जो पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा समाज से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रहने वाला है।
इस कार्यक्रम को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल देखने को मिल रही है। राहुल गांधी पर राजनीतिक हमला करते हुए बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब वह पहली बार बिहार आए थे, तब उन्होंने अंग्रेजों की तरह लोगों और समाज को बांटने का काम किया था। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब वे अपनी बिगड़ी हुई छवि को सुधारने की कोशिश में लगे हैं। जायसवाल ने आगे कहा, “बचपन से लेकर पचपन साल की उम्र तक वह एअर कंडीशन से बाहर नहीं निकले। जब चुनाव का समय आता है, तभी वह बाहर निकलते हैं”।
जायसवाल ने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को अचानक बिहार आने की क्या जरूरत पड़ गई है। दिलीप जायसवाल ने दावा किया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से अब तक करीब 50 बार बिहार का दौरा किया है, वहीं राहुल गांधी की उपस्थिति ना के बराबर रही है। उन्होंने आगे कहा कि एक प्रधानमंत्री इतने व्यस्त होने के बावजूद वह 50 बार बिहार आ सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी को बिहार की जनता की कोई फिक्र ही नहीं है।
जायसवाल ने आगे बताया कि राहुल गांधी के आने से कांग्रेस की हालत और भी खराब होने वाली है। उन्होंने राहुल गांधी पर यह आरोप लगाया कि वह केवल दलित और अति पिछड़ा वर्ग की राजनीति कर रहे हैं, जबकि राजद जैसे दल इस वर्ग के हितों की लड़ाई पहले से कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी का यह एजेंडा बिहार में काम नहीं आने वाला है। जनता अब सब समझ चुकी है।
कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर यह कहा जा रहा है कि यह जो पहल है वह समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों से संवाद करने में मदद करेगी। वहीं बीजेपी और उसके सहयोगी दल इसे एक "चुनावी एजेंडा" बता रहे हैं।