पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा थानाक्षेत्र के अंबाडीहा गांव के मांझीटोला में 28 जनवरी को 2 बच्चों का शव मिला था। बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप बच्चों के चाचा पर लगा था। दोनों बच्चों की हत्या कर एक एक आंख भी निकाल लिया गया था। कान भी काट दिया थ
पहाड़ी और दुर्गम ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आदिम जनजाति पहाड़िया के हजारों सदस्यों ने समाहरणालय का घेराव किया। इनका आरोप है कि डाकिया योजना में मनमानी हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रघुवर सरकार में उन्हें योजना का लाभ मिल रहा था, लेकिन अब बंद कर ह
पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के अंबाडीहा गांव में भाई-बहन की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद दोनों बच्चों की एक-एक आंख निकाल ली गई। बच्चों का शव खेत से बरामद हुआ है। पुलिस और डॉग स्क्वायड की टीम घटनास्थल पहुंची। आरोपी फरार है। पुलिस जांच
पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बोहरा गांव से एक शर्मनाक घटना सामने आई है । यहां एक शख्स को ग्रामीणों ने ऐसी सजा दी है जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था। बीते वर्ष मार्च महीने में सुभस्टिन टुडू पर आरोप लगा था कि उसने महेश्वर टुडू नाम के व्यक्
पाकुड़ जिले में ग्राम प्रधान का शव एक पेड़ से लटका मिला। घटना महेशपुर थानाक्षेत्र के हाथीमारा गांव की है। ग्राम प्रधान की पहचान कालेश्वर हांसदा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
अरब सागर में भारतीय समुद्री सीमा से एक पाकिस्तानी बोट को पकड़ा गया। साथ ही 10 पाकिस्तानी नागरिकों को भी हिरासत में लिया गया जो उस बोट में सवार थे। मिली जानकारी के मुताबिक बोट भारतीय सीमा में तकरीबन 7 मील भीतर तक घुस आया था। अधिकारियों ने बताया कि जब उन्हो
लाहौर के रास्ते में रावलपिंडी से 140 किलोमीटर दूर मोटरवे से पूरब की दिशा में लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर खेवड़ा में नमक की प्रसिद्ध ऐतिहासिक खाने हैं।
गुरु नानक देव जी भाई मरदाना जी के साथ बैसाख संवत 1578 में अर्थात 1656 ईस्वी में गर्मी के दिनों में हसन अब्दाल आए थे।
पाकिस्तान का यह दुर्भाग्य है कि उसके संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की चेतावनी पर उसके उग्रवादी लोग बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते।
देखने से प्रतीत होता है कि सुनियोजित ढंग से शहर बसाने के लिए घर बनाए गए होंगे। कमरों का आकार थोड़ा छोटा है। तक्षशिला का शब्दार्थ है, ' city of cut stone'
जनरल कनिंघम को इसका श्रेय जाता है कि उन्होंने प्राचीन तक्षशिला के खण्डहरों को खोज निकाला था
मार्ग के दोनों और किनारे पर रेलिंग लगी हुई है ताकि किसी जानवर आदि के सड़क पर आने से कोई दुर्घटना न हो एवं यातायात भी बाधित न हो।