द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में 97 प्रतिशत मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का काम भी नहीं मिल रहा है। राज्य में हर हाथ को काम देने वाली इस योजना का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। हाल ही में जारी हुए आंकड़े बताते हैं कि राज्य में मनरेगा फेल रहा है। इन आंकड़ों के मुताबिक,चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत 100 दिन का काम करने वाले मजदूरों की संख्या महज 2.4 प्रतिशत है।
सभी कार्डधारियों को नहीं मिलता काम
अगर झारखंड में कुल जॉब कार्डधारी के आंकड़े पर गौर करें तो ये 45 लाख 80 हजार 239 का है। मनरेगा के तहत सरकार ने सभी जॉब कार्डधारी को 100 दिन का काम मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। अब ऐसे में 1 अप्रैल 2021 से 14 जनवरी 2022 तक की बात करें तो मनरेगा के तहत काम पाने वालों की संख्या 54 हजार 41 है।
काम बहुत लेकिन मिल नहीं पा रहा
2021 में ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा बिरसा हरित ग्राम योजना, जल समृद्धि योजना और पोटो हो योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का संचालन मनरेगा के तहत ही किया जाना था। इसके बावजूद ये आंकड़ा चौंकाने वाला है। झारखंड में मनरेगा के तहत मजदूरी के इस आंकड़े पर ग्रामीण विकास विभाग ने चिंता जताई है। विभाग ने जॉब कार्डधारियों को 80 प्रतिशत का लक्ष्य तक काम आवंटन नहीं होने पर राशि रोकने तक की चेतावनी दी है।
24 जिलों में गिरिडीह निचले पायदान पर
हैरान करने वाली बात ये है कि राज्य के 24 जिलों में से गिरिडीह जिला सबसे निचले पायदान पर है। गिरिडीह जिले में 100 दिन काम पाने वाले जॉब कार्डधारियों का प्रतिशत महज 0.9 है। जबकि रामगढ़ 100 दिन का सबसे ज्यादा काम आवंटित करने में पहले पायदान पर है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इसका प्रतिशत भी मात्र 7.1 है।
चालू वित्तीय वर्ष में 100 दिन का काम देने वाले जिलों का हाल
• खूंटी जिला – 5.1 प्रतिशत
• लोहरदगा – 4.5 प्रतिशत
• वेस्ट सिंहभूम – 4.5 प्रतिशत
• गुमला – 4.4 प्रतिशत
• सिमडेगा – 4.3 प्रतिशत
• दुमका – 3.3 प्रतिशत
• रांची – 2.9 प्रतिशत
• गोड्डा – 2.7 प्रतिशत
• पाकुड़ – 2.5 प्रतिशत
• ईस्ट सिंहभूम – 2.5 प्रतिशत
• जामताड़ा -2.4 प्रतिशत
• बोकारो – 2.3 प्रतिशत
• सरायकेला खरसांवा – 2.3 प्रतिशत
• चतरा – 2.3 प्रतिशत
• हजारीबाग -2.1प्रतिशत
• साहेबगंज – 1.9 प्रतिशत
• गढ़वा – 1.6 प्रतिशत
• लातेहार – 1.5 प्रतिशत
• कोडरमा – 1.5 प्रतिशत
• देवघर – 1.4 प्रतिशत
• पलामू – 1.3 प्रतिशत
• धनबाद – 1.0 प्रतिशत