द फॉलोअप टीम, रांची:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम यानी मनरेगा। योजना का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार की गारंटी देना है। सरकारी योजनाओं में विशेष तौर पर निर्माण कार्यों में बतौर मजदूर बेरोजगार ग्रामीणों की सेवा लेनी है ताकि उनकी आजीविका ठीक ढंग से चल सके। इस योजना का आधार ही मानव श्रम है लेकिन ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मशीनो का इस्तेमाल कर इसमें जमकर भ्रष्टाचा र किया जाता है।
ग्रामीण विकास विभाग ने उठाया कदम
अब ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा में मशीन के इस्तेमाल को रोकने के लिए नया कदम उठाया है। ग्रामीण विकास विभाग के स्तर से इसको रोके जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। कहा गया है कि मनरेगा अधिनियम की मार्गदर्शिका के मुताबिक योजना में जेसीबी का इस्तेमाल करना अपराध है। निर्देश में कहा गया है कि यदि कोई ऐसा करता पकड़ा जाता है तो प्राथमिकी दर्ज होगी। जेसीबी की नीलामी भी हो सकती है।
जेसीबी मालिकों के नाम निर्देश जारी किया
चतरा जिला में चतरा सदर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जेसीबी मालिकों को मनरेगा कार्य से दूरी बनाए को कहा गया है। सूचना जारी करते हुए कहा गया है कि यदि कोई ऐसा करता पकड़ा गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। सक्षम पदाधिकारी द्वारा जेसीबी संचालक अथवा मालिक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया जायेगा। जिला परिवहन पदाधिकारी या नीलम पत्र पदाधिकारी को भी इस संबंध में जानकारी दी जायेगी।
किसी काम से पहले बीडीओ की मंजूरी जरूरी
यदि कहीं कच्चे कामों में जेसीबी का इस्तेमाल किया जाता है तो मालिक को स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी इसके इसकी अनुमति लेनी होगी। मिट्टी कार्य, डोभा निर्माण, तालाब निर्माण थवा गड्ढा खुदाई जैसे कामों में पहले नजदीकी बीडीओ कार्यालय से मंजूरी लेनी होगी। ऐसा नहीं किया तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।