द फॉलोअप डेस्क
गोवा से एक बड़ी खबर सामने निकलकर आ रही है। यहां एक खतरनाक अपराधी पुलिस क्राइम ब्रांच की गिरफ्त से भाग निकला है। बताया जा रहा है कि अपराधी गोवा में जमीन हड़पने के कई मामलों में आरोपी है। लेकिन इस मामले जो बात हैरान करने वाली है, वो है अपराधी का हिरासत से भागने का तरीका। बता दें कि इस अपराधी ने फरार होने से पहले अपनी सुरक्षा में लगाए गए कांस्टेबल से दोस्ती की। फिर देर रात पुलिस को चकमा देकर उसी कांस्टेबल की बाइक से वह फरार हो गया। इसके बाद अब पुलिस राज्य भर में उस अपराधी की तलाश कर रही है।सुलेमान के नाम से मशहूर है अपराधी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, फरार आरोपी का नाम सिद्दिकी खान है। वह सुलेमान के नाम से भी मशहूर है। यह आरोपी कर्नाटक के हुबली का रहने वाला है, जिसकी उम्र 55 साल है। हालांकि, पिछले कई सालों से सुलेमान गोवा के तिविम में ही रह रहा है। यही कारण है उस पर गोवा में जमीन हड़पने के कई केस दर्ज हैं। उसने पुलिस के चंगुल से भागने के लिए पहले अपनी सुरक्षा में लगाए गए कांस्टेबल से दोस्ती की। इसके बाद रात करीब ढाई बजे कांस्टेबल अमित नाइक ने सुलेमाल की सेल का ताला खोला और दोनों कांस्टेबल की बाइक से फरार हो गए।
गोवा पुलिस ने क्या बताया
इस मामले की जानकारी गोवा पुलिस के प्रवक्ता और क्राइम ब्रांच SP राहुल गुप्ता ने दी। राहुल ने कहा कि गार्ड ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अमित नाइक ने सुलेमान को आजाद कर दिया। साथ ही उसे अपनी यामाहा आर15 पर लेकर फरार हो गया। SP ने जानकारी दी कि प्रदेश की पुलिस अपराधी और कांस्टेबल दोनों की तलाश में लगी हुई है। वहीं, इस मामले में गोवा पुलिस पड़ोसी राज्यों की भी मदद ले रही है। जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।4 साल से सुलेमान को तलाश रही थी पुलिस
बता दें कि इसी साल 12 नवंबर को पुलिस ने सुलेमान को को हुबली से गिरफ्तार किया था। पुलिस पिछले 4 साल से कई मामलों में उसे तलाश कर रही थी। मिली जानकारी के अनुसार, सुलेमान को 5 साल पहले भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन उस वक्त वह जमानत मिलने के बाद फरार हो गया था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सुलेमान कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर जाली सिग्नेचर से नकली डीड बनाता था।
वहीं, इस मामले में SP ने बताया कि आरोपी इंडियन रिजर्व बटालियन पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ भी उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को एक रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही लॉकअप के प्रशासन और अपराध शाखा में आरोपियों की हिरासत की विस्तृत जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाएगी।