द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग से चतरा और चतरा से हजारीबाग आने-जाने वाली मुख्य सड़क पर कोयला ट्रांसपोर्टिंग के भारी वाहनों की लगातार आवाजाही अब आम लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है। खासकर कटकमसांडी थाना क्षेत्र से गुजरने वाले इस मार्ग पर अब यह स्थिति बन चुकी है कि दो लाइन की सड़क एकतरफा (वन लाइन) में तब्दील हो चुकी है। कोयला लदे ट्रकों की लंबी लाइनें सड़क किनारे दिन-रात खड़ी रहती हैं। ये वाहन कटकमसांडी रेलवे स्टेशन पर लोडिंग/अनलोडिंग के समय सड़कों पर खड़े रहते हैं, जिससे एक लेन पूरी तरह अवरुद्ध हो जाती है।
बता दें कि कुछ ही दिन पहले कटकमसांडी पेट्रोल पंप के पास एक स्कूल वैन कोयला लदे ट्रक की चपेट में आ गई थी। हादसे में बच्चों की जान भी गयी, लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया। और तब से इलाके में डर का माहौल बन चुका है।
आपको बता दें कि इस मार्ग पर न तो कोई 'नो एंट्री' ज़ोन निर्धारित किया गया है और न ही ट्रैफिक पुलिस की सक्रिय तैनाती है। नतीजतन, चतरा और हजारीबाग से आने-जाने वाले छोटे-बड़े वाहन इसी अव्यवस्थित सड़क से होकर गुजरने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से मांग कर रहे है कि कोयला ट्रांसपोर्टिंग को अलग मार्ग दिया जाए और स्कूल टाइम में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। ताकि बच्चे सुरक्षित अपने स्कूल जा सके और पढ़ाई करके अपने घर सुरक्षित पहुंच सके। और साथ ही साथ ट्रैफिक पुलिस की स्थाई तैनाती हो,no एंट्री हो,रेलवे स्टेशन के बाहर वाहन खड़े करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।