द फॉलोअप डेस्क
तेलंगाना में फरवरी माह में हुए टनल हादसे के 80 दिन बाद भी गुमला निवासी अनुज साहू का कोई पता नहीं चल पाया है। लगातार इंतजार और उम्मीदों के टूटने के बाद उनके परिजनों ने अब यह स्वीकार कर लिया है कि अनुज जीवित नहीं रहे। इस पीड़ा के साथ परिवार ने अनुज का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। घाघरा प्रखंड के खम्भिया कुंबाटोली स्थित बड़का नदी के श्मशान घाट पर यह अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल हुए। अनुज के पिता रामप्रताप साहू ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी। उन्होंने भावुक होकर कहा, “80 दिनों तक हर उम्मीद से जुड़े रहे, पर अब साहस जवाब दे गया है। बेटे की आत्मा की शांति के लिए यह कठिन लेकिन जरूरी निर्णय लिया।”
इससे दो दिन पूर्व तिर्रा गांव निवासी एक अन्य लापता श्रमिक संतोष साहू के परिजनों ने भी इसी तरह प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया था। गौरतलब है कि 22 फरवरी को तेलंगाना में एक टनल निर्माण स्थल पर हुए हादसे में चार राज्यों के कुल आठ श्रमिक मलबे में फंस गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई राष्ट्रीय एजेंसियां दो महीनों तक जुटी रहीं। हालांकि, अब तक केवल दो श्रमिकों के शव ही बरामद हो सके हैं।
गुमला जिले के चार श्रमिक तिर्रा निवासी संतोष साहू, खम्भिया कुंबाटोली निवासी अनुज साहू, रायडीह के कोबीटोली निवासी जगता खेस और पालकोर्ट के उमड़ा नकटीटोली निवासी संदीप साहू का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उनके परिवारों में गहरा शोक व्याप्त है। आखिरकार तेलंगाना सरकार ने उस क्षेत्र को रेड जोन घोषित करते हुए शवों की तलाश बंद कर दी। परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र सौंप दिया गया। तेलंगाना सरकार की ओर से गुमला डीसी ने परिवारवालों को 25 लाख रुपए का चेक दिया। अनुज के पिता ने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला।