द फॉलोअप डेस्क
2 दिन पहले बरकट्ठा के चलकुसा से एक गर्भवती महिला को देर रात इलाज के लिए हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। लेकिन महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि लगातार 1 घंटे तक गाइनो वार्ड का दरवाजा खटखटाने के बावजूद कोई भी मेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। महिला के पति ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नर्स द्वारा गलत जानकारी दी गई, पुराने रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि हीमोग्लोबिन 10 है और बच्चा सुरक्षित नहीं है। साथ ही, नीचे खड़े अस्पतालकर्मी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने का दबाव बना रहे थे। जब वे लोग एक निजी अस्पताल पहुंचे, तो न केवल महिला और बच्चा सुरक्षित मिले, बल्कि हीमोग्लोबिन की मात्रा भी 12 पाई गई। इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। सांसद मनीष जायसवाल खुद अस्पताल अधीक्षक से मिलने पहुंचे, लेकिन अधीक्षक कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से फोन पर बात की और न्याय की मांग की।
इधर, मामले में एक नया मोड़ तब आया जब उस रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने रांची पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपने की पेशकश की। डॉक्टर का कहना है कि वे ऑन कॉल ड्यूटी पर थीं और अस्पताल में सुरक्षा का अभाव है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में नशेड़ी और गंजेड़ी घूमते रहते हैं, जिससे डॉक्टर असुरक्षित महसूस करते हैं। डॉक्टर ने अस्पताल में चल रहे संजीवनी सेवा कुटीर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पर भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि संजीवनी सेवा कुटीर के कार्यकर्ताओं ने ही अस्पताल की लचर व्यवस्था को उजागर किया है। उन्होंने चुनौती दी कि यदि कोई यह साबित कर दे कि सेवा कुटीर भाजपा कार्यालय की तरह है, तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अपनी नाकामी छिपाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा रहे हैं।
फिलहाल मामले में उपायुक्त (DC) ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, भाजपा नेता अर्जुन साहू, जो इस केस के मुखर शिकायतकर्ता भी हैं, को सदर थाना पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और देर रात से ही उन्हें हिरासत में रखा गया है। अर्जुन साहू ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में एक और अहम मोड़ तब आया जब अर्जुन साहू की एक फोन कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो गई, जिसमें वे डॉक्टर से बात कर रहे हैं।
अब खबर है कि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी भी देर रात से हजारीबाग में मौजूद हैं, और आज सांसद, विधायकों के साथ मिलकर सदर थाना के सामने धरना दे सकते हैं। उनकी मांग है कि डॉक्टर, अस्पताल अधीक्षक और संबंधित जिम्मेदार लोगों को तत्काल हटाया जाए। जांच रिपोर्ट और आने वाले दिनों की राजनीतिक हलचल पर सबकी नजरें टिकी हैं। देखना होगा कि गर्भवती महिला के साथ हुई इस कथित लापरवाही का सच क्या है और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।