द फॉलोअप डेस्क
सिंधु नदी समझौते को भारत द्वारा रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान में पानी को लेकर संकट खड़ा हो गया है। पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने आज सीनेट सत्र के दौरान अपने भाषण में कहा कि अगर हम अभी जल संकट का समाधान नहीं करते हैं तो हम भूख से मर जाएंगे। सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है क्योंकि हमारे पानी का तीन-चौथाई हिस्सा देश के बाहर से आता है, 10 में से नौ लोग अपने जीवन के लिए सिंधु जल बेसिन पर निर्भर हैं, हमारी 90 प्रतिशत फसलें इसी पानी पर निर्भर हैं और हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसी पर बने हैं। यह हमारे ऊपर लटके पानी के बम की तरह है और हमें इसे निष्क्रिय करना होगा।
उधर पाकिस्तान के एक अन्य नेता ने आज को शहबाज शरीफ सरकार से देश पर मंडरा रहे पानी बम को निष्क्रिय करने की मांग की। यह पानी बम भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के बाद देश पर मंडरा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
दरअसल, सिंधु जल संधि, जिस पर 1960 में हस्ताक्षर किए गए थे, भारत-पाकिस्तान के बीच छह नदियों, सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलुज, के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) और देश के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के धमकी भरे और निराधार बयान के बाद, बौखलाया इस्लामाबाद, नई दिल्ली से संधि को स्थगित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रहा है।