रांची
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने बुधवार को रांची स्थित जिला स्कूल परिसर में संचालित 'आकांक्षा कार्यक्रम' का औचक निरीक्षण किया। यह कार्यक्रम आदिवासी समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि जुलाई 2025 के पहले सप्ताह से आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग शुरू की जाएगी। इसके लिए विभाग चयनित मेधावी विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए विशेष प्रशिक्षण देगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जबकि जैक बोर्ड का परिणाम भी जल्द जारी होने वाला है। इसके बाद विद्यार्थियों से आवेदन लिए जाएंगे और मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा।
प्रतिभा को तराशने की जरूरत
निरीक्षण के दौरान मंत्री लिंडा ने कहा, “आदिवासी समाज के बच्चे बेहद प्रतिभाशाली हैं। अगर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सही मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग का प्रयास रहेगा कि इन विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक और प्रतियोगी वातावरण भी उपलब्ध कराया जाए। “हमारे एसटी/एससी समाज के छात्रों में असीम संभावनाएं हैं, जरूरत है केवल उन्हें तराशने और सही दिशा देने की,” उन्होंने जोड़ा।
निरीक्षण में अधिकारी भी रहे मौजूद
निरीक्षण के दौरान कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा, रांची जिला कल्याण प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय कुमार भगत और आकांक्षा कार्यक्रम के प्रभारी संयोजक वी.के. सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। मंत्री ने परिसर का विस्तृत भ्रमण किया और कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की।