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संपन्नता से नहीं मजबूत मन की साधना से विकसित होगा जीवन - डॉ अपराजिता झा 

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द फॉलोअप डेस्क 

मंगलवार को राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज इन एवं साईं नाथ यूनिवर्सिटी, वाई बी एन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वाधान में vikshitbharat@2047 को लेकर एक दिवसीय भारतीय दर्शन के विग्रह:रहीम विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई।  जिसके मुख्य अतिथि झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो डॉ त्रिवेणी नाथ साहु रहे। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रांची विश्वविद्यालय स्नातकोतर हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो डॉ जंग बहादुर पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि वाई बी एन यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ रमीज यादव, साईं नाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो डॉ एस पी अग्रवाल, वीर कुंवर युनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो डॉ एस पी सिंह, डॉ सुधीर यादव, शहीद शेख भिखारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ सपना त्रिपाठी, डॉ तबस्सुम खान, डॉ संगीता गोप उपस्थित रही।
संगोष्ठी की अध्यक्षता राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन की पूर्व प्राचार्या सह संकायाध्यक्ष शिक्षा संकाय रांची विश्वविद्यालय रांची एवं नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय मेदिनीनगर की डॉ अपराजिता झा ने किया। सभी का स्वागत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ रमण कुमार झा ने सॉल एवं कैनवास पेंटिंग देकर किया। संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती वंदना के साथ हुआ। डॉ ओम प्रकाश तिवारी ने सभी प्रतिभागियों का आरती वंदना एवं तिलक से लगाकर स्वागत किया। विषय प्रवेश अखंड भारत साहित्य परिषद के संस्थापक एवं संरक्षक सेवानिवृत प्राचार्य डॉ वासुदेव प्रसाद ने किया। उन्होंने कहा कि आज के ही दिन 17 दिसंबर 1556 ईस्वी को भारत भक्त अब्दुल रहीम खानखाना का जन्मदिन था। 
उसी क्रम में आयोजित संगोष्ठी समसामयिक समय में प्रासंगिक है। अब्दुल रहीम खानखाना भारतीय एकता अखंडता सामाजिक समरसता एवं भारतीय संस्कृति के प्रबल उपासक थे साथ ही उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर 2024 से 17 दिसंबर 2025 तक झारखंड राज्य सहित देश के सभी राज्यों में रहीम जयंती वर्ष मनाया जाएगा। मौके पर डॉ सुरेश प्रसाद सिंह पूर्व कुलपति वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा को अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हुई। डॉ सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि रहीम तन से मुस्लिम थे परंतु मन से भारतीय संस्कृति के पुरोधा थे।और भगवान कृष्ण के भक्त थे। संगोष्ठी में सभी ने अपने उद्बोधन में एक स्वर में कहा हम सभी एक हैं और प्रेम के सूत्र में पिरोए हुए हैं। मुख्य वक्ता डॉ जंग बहादुर पाण्डेय ने अपने इंटरेक्टिव सत्र में साईं नाथ यूनिवर्सिटी, वाई बी एन यूनिवर्सिटी एवं राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन के प्रशिक्षुओं से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से भारतीय जीवन शैली एवं दर्शन में छुपे हुए रहस्य को बतलाया। 
डॉ अपराजिता झा ने बताया कि हम संसाधन से नहीं बल्कि मन से विकसित होंगे। डॉ एस पी अग्रवाल ने बहुत ही विस्तार से रहीम के दोहों को समझाया। डॉ राम जी यादव ने कहा कि हर दिन जीने के लिए चलते रहना है। मुख्य वक्ता ने अब्दुल रहीम खानखाना के अर्थ को बतलाया। उन्होंने कहा कि अब्दुल का अर्थ होता है सेवक रहीम अर्थात रहम करने वाला खानखाना उस समय की उपाधि है वर्तमान में पद्मविभूषण आदि। संगोष्ठी में वाई बी एन यूनिवर्सिटी की बी एड विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता, साईं नाथ यूनिवर्सिटी से डॉ तबस्सुम, डॉ आनंद, डॉ रूपसी, डॉ मधु सिंह, राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय से डॉ चंद्रमाधव सिंह, डॉ ज़ाकिर हुसैन, प्रो धनंजय तिवारी, डॉ समीर, प्रो भागीरथ, प्रो दुलाल सहित सभी शिक्षक उपस्थित रहें। संगोष्ठी का संचालन प्रशिक्षु पुरूषोतम ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ मज़हरूल हक ने किया। 
महाविद्यालय के भाषा विज्ञान एवं साहित्य विभाग के संयोजक डॉ ओम प्रकाश ने कहा कि संगोष्ठी को सफल बनाने में सत्र 2024 26 के सभी प्रशिक्षुओं का योगदान रहा साथ की छात्र संसद के प्रधानमंत्री चमन मिस्त्री, उपप्रधांत्री विशाल शिक्षा मंत्री विकास महतो एवं पूरी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संगोष्ठी में आए प्रतिभागियों के स्वागत में साकेत, रितेश सहित सभी ने अहम भूमिका निभाई। डॉ ओम प्रकाश ने बतलाया कि भी पूर्व के एक वर्षों 30 नवंबर 2023 से अबतक में हमने विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी, विमर्श, गतिविधियों से हमारे महाविद्यालय से शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थीयो को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2024 में भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार प्रस्तावित है एवं एजुकेशनल टेक्नोलॉजी पर वि व्याख्यान होना है। उन्होंने कहा कि टीचर्स आर थे नेशन मेकर के सिद्धांत को लेकर हमारा देश viikshitbharat @2047 का संकल्प को प्राप्त कर लेगा। भाषा विज्ञान एवं साहित्य विभाग ओर लिटरेरी इवेंट्स विभाग की ओर से महाविद्यालय में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम होगा जिससे अन्य विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों से ट्रेनी टीचर्स  रु ब रु होंगे साथ ही हमारे महाविद्यालय में प्रभावी शिक्षण हेतु राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविदों का लेक्चर होगा जिससे प्रशिक्षुओं का सर्वांगीण विकास संभव है।मौके पर फिनलैंड से आए  एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट डॉ अमित , डॉ अर्चना एवं डॉ मन्नू ओझा को सॉल एवं कैनवास  पेंटिंग्स संगोष्ठी की अध्यक्षा डॉ अपराजिता झा ने सम्मान किया। राष्ट्रगान के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।
 

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