द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में सरना धर्म कोड को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा पर आदिवासियों की धार्मिक पहचान को नकारने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब तक यह साफ नहीं कर रही है कि वह सरना धर्म कोड लागू करना चाहती है या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सिर्फ गोलमोल बातें कर रही है और इस मुद्दे को टालने की कोशिश कर रही है।
सोनाल शांति ने याद दिलाया कि रघुवर दास की सरकार में जब कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने सरना धर्म कोड की मांग की थी, तो मुख्यमंत्री ने साफ इनकार कर दिया था। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के नेता समीर उरांव ने भी इस मांग को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ आदिवासियों का वोट लेना चाहती है, लेकिन उनकी असली समस्याओं और पहचान को नजरअंदाज करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी सवाल उठाया कि जब अर्जुन मुंडा पांच साल तक जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री रहे, तब उन्होंने इस कोड पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने साढ़े चार साल पहले ही सरना धर्म कोड से जुड़ा बिल पारित कर केंद्र को भेजा था, लेकिन अब तक केंद्र सरकार चुप है। इसके बावजूद भाजपा खुद को आदिवासियों का हितैषी बताने की कोशिश कर रही है।