रांची
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के. राजू ने कहा है कि जातिगत जनगणना के पहले पड़ाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की है, लेकिन अब भी कई स्तरों पर संघर्ष बाकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मानती है कि जातिगत जनगणना के बिना देश में समानता संभव नहीं है। इससे यह स्पष्ट होगा कि संसाधनों पर किस समुदाय का कितना अधिकार है। राजू ने केंद्र सरकार से तेलंगाना मॉडल अपनाने की मांग की, जिसमें तय समयसीमा और सार्वजनिक आंकड़ों का प्रावधान हो। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक मोड़ है, और राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस ने केंद्र सरकार को झुकने पर मजबूर किया।
कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पहले इस मांग का संसद और न्यायालय दोनों में विरोध किया, लेकिन अब जनता के दबाव में यू-टर्न लिया है, जिसका कांग्रेस स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि केवल जातियों की गिनती नहीं, बल्कि संसाधनों पर हिस्सेदारी और प्रतिनिधित्व की जानकारी भी सामने आनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि यह कांग्रेस के संघर्ष की जीत है। ‘जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी भागीदारी’ अब धरातल पर उतरनी चाहिए। उन्होंने झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी जातिगत जनगणना की घोषणा के लिए बधाई दी। संवाददाता सम्मेलन में दीपिका पांडे सिंह, डॉ. इरफान अंसारी, सुबोधकांत सहाय, बंधु तिर्की, प्रदीप बालमुचू, राजेश ठाकुर समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।