द फॉलोअप डेस्क
बिहार के बगहा सिविल कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। सीतामढ़ी के डीएसपी अतनु दत्ता, दारोगा अमरेश कुमार सिंह और डॉक्टर ए.के. तिवारी के खिलाफ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। बता दें कि, यह मामला वर्ष 2011 के डेबा हत्याकांड से जुड़ा है। चुन्नू डोम और अन्य अपराधियों ने मिलकर साल 2011 के तीन दिसंबर को चुन्नू डोम और अन्य अपराधियों ने मिलकर डब्लू राम की हत्या कर दी थी। बता दें कि इस केस के कुल 9 गवाह है। 14 साल बीत जाने के बाद भी 9 में से केवल तीन गवाहों की गवाही ली जा सकी है, जिसके कारण पिछले 14 वर्षों से यह केस रूका हुआ है।
इस मामले पर मृतक का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ए.के तिवारी, केस के आईओ अतानु दत्ता और अमरेश कुमार सिंह की गवाही नहीं हो पाई है। केस के आईओ अतानु दत्ता वर्तमान में डीएसपी के पद पर सीतामढ़ी में तैनात हैं वहीं दारोगा अमरेश कुमार वर्तमान में दूसरे जिले में तैनात हैं। इन अधिकारियों की गवाही नहीं होने के कारण न्याय देने की प्रक्रिया में समस्या आ रही थी। हाल ही में कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन इसका पालन नहीं होने पर बगहा एसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात कहा है कि पटना हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद हत्या जैसे मामलों में गवाही के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं होना, कर्तव्य के प्रति कामचोरी को दर्शाता है।
कोर्ट ने बगहा एसपी से पूछा है कि आखिर क्या कारण रहे कि केस के आईओ और डॉक्टर के खिलाफ जारी गैर जमानतीय वारंट का अमल नहीं किया गया और रिपोर्ट पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 10 जून तय की, जिसमें इस केस जुड़े सभी लोगों को हर हाल में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। बगहा सिविल कोर्ट के एडीजे-4 की अदालत ने तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का निर्देश बगहा एसपी को दिया है।