द फॉलोअप डेस्क
बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने संपूर्ण क्रांति दिवस की वर्षगांठ पर कहा कि इसके विषय में आने वाली पीढ़ियों को खासकर युवाओं को जरूर जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन बिहार की माटी के लाल लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने दलित-पिछड़ा-गरीब-वंचित का हक़ मारने वाली करप्ट कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंका था। उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए लोकनायक जेपी का नमन किया। उन्होंने कहा कि आज पीड़ा होती है कि सम्पूर्ण क्रांति के उद्देश्यों को तिलांजलि देकर, गैर-कांग्रेसवाद के विचारों के साथ छल करके बिहार की ही एक पार्टी राजद और उसके नेता कांग्रेस की गोद में चले गए। राहुल गांधी उसी इंदिरा गांधी परिवार से आते हैं, जिनके निरंकुश शासन के खिलाफ जेपी ने बिगुल फूंका था। उन्होंने आगे कहा कि आज जो कांग्रेस के नेता लोकतंत्र की बात करते हैं, उन्हें तो चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए। अगर इनमें जमीर बचा है तो इन्हें आज का दिन याद करना चाहिए। कांग्रेस ने सही अर्थों में संविधान का चीरहरण किया है। चीरहरण करने वाले आज संविधान की पुस्तक लेकर घूमते हैं। उस दौर में चुनी हुई सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाकर गिरा दिया जाता था। उन्होंने आगे कहा कि आज एनडीए की नरेंद्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाने का काम नहीं किया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि समाज यह जानना चाहती है कि क्यों नेहरू के बाद इंदिरा, इंदिरा के बाद राजीव और राजीव के बाद राहुल? क्या आज राजतंत्र है या लोकतंत्र है? लेकिन अब हिंदुस्तान की जनता जाग चुकी है, यही कारण है कि आज कांग्रेस का पतन हो गया। जो बचा है उसे डुबाने की कसम राहुल गांधी खा चुके हैं।
भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए 1953 में बनी काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को 25 साल तक कांग्रेस ने दबाए रखा, परिणाम हुआ कि रिपोर्ट कांग्रेस की टेबलों के नीचे दफन हो गई। 1977 में जब कांग्रेस की सरकार गई और जनसंघ के समर्थन वाली सरकार बनी तो मंडल कमीशन बनाया गया। दुर्भाग्य से मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई तब तक दुबारा कांग्रेस सरकार में आ गई थी। 9 साल तक इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की अगुवाई में कांग्रेस का शासन रहा और मंडल कमीशन की रिपोर्ट दबाने का पाप कांग्रेस ने किया। देश में जब एक बार फिर भाजपा के समर्थन से चल रही वीपी सिंह की अगुवाई वाली सरकार बनी तब मंडल कमीशन लागू हुआ और पिछड़ों को आरक्षण मिला।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आजादी के बाद 40 साल तक पिछड़ों का हक़ मारने का पाप करने वाली कांग्रेस के साथ राजद के गठबंधन की मजबूरी क्या है? कांग्रेस के नेता आज संविधान की पुस्तक लेकर इस लिए घूम रहे हैं कि ये सत्ता के लिए बेचैन हैं।
जातीय जनगणना को लेकर भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, "आजकल राहुल गांधी को झूठ का शंख फूंकने का नशा चढ़ा है। जाति जनगणना का श्रेय कूद-कूद कर ले रहे हैं। अब भला बताइए देश आजाद हुआ 1947 में। तबसे लेकर 60 साल तक कांग्रेस की सरकार रही। राहुल गांधी के ही पिता, दादी, नाना प्रधानमंत्री रहे, तब क्यों नहीं करा लिया जाति जनगणना?"
उन्होंने कहा कि पिछली जनगणना तो 2011 में हुई। राहुल गांधी संसद में थे। राजद, कांग्रेस का समर्थन कर रही थी। जाति जनगणना की मांग भी उठी थी। लेकिन ओबीसी-पिछड़ा-दलित विरोधी कांग्रेस ने 2011 में कास्ट सेंसस की जगह कास्ट सर्वे कर दिया। इस पाप में राजद भी हिस्सेदार थी। किस मुंह से ये बात करेंगे पिछड़ों और दलितों की?