रांची
एसीबी कोर्ट में पेशी के बाद निलंबित IAS विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को जेल दिया गया है। बता दें कि विनय चौबे को और गजेंद्र सिहं को एसीबी ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। दूसरी ओऱ 38 करोड़ रुपये से ज्यादा के शराब घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे ने गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। विनय चौबे ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर कहा कि ACB ने गिरफ्तारी में सुप्रीम कोर्ट की तय गाइडलाइनों का पालन नहीं किया।
गिरफ्तारी को बताया नियमों के खिलाफ
विनय चौबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी से पहले तय कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। उन्हें न तो गिरफ्तारी का कारण बताया गया और न ही सुप्रीम कोर्ट के ‘अरनेश कुमार बनाम बिहार’ मामले में दिए गए निर्देशों का पालन किया गया। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और गलत तरीके से की गई कार्रवाई बताया है।
ACB ने सात दिन की मांगी थी रिमांड
गौरतलब है कि 20 मई को ACB ने विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से करीब छह घंटे तक लगातार पूछताछ की थी। इसके बाद दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के दिन उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, मगर उस दिन अदालत ने रिमांड नहीं दी थी। ACB ने विनय चौबे के लिए सात दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने केवल दो दिन की मंजूरी दी। बुधवार को ACB ने विशेष अदालत से दोनों अधिकारियों की सात दिन की रिमांड मांगी थी। वहीं, विनय चौबे के वकील ने इसका विरोध किया था।