द फॉलोअप डेस्क
बोकारो विधायक श्वेता सिंह के नाम पर दो पैन (परमानेंट एकाउंट) नंबर कार्ड हैं। दोनों ही पैन कार्ड (C******92A और (C******18E) में पिता का नाम अलग-अलग है। गुरूग्राम में बने पैन कार्ड में पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह लिखा है। वहीं 2010 में रामगढ़ से भी एक पैन कार्ड बना, जिसमें पिता के कॉलम में संग्राम सिंह दर्ज है। विधायक ने अपने चुनावी हलफनामे में जीवन साथ-पति के कॉलम के नाम के सामने संग्राम सिंह लिखा है। चुनावी शपथ पत्र में उन्होने जो पैन कार्ड दिया है, वह रामगढ़ से बना है और इस कार्ड में पिता का नाम है, वहीं नाम चुनावी शपथ पत्र में पति का हो गया है। दोनों ही पैन कार्ड में जन्म तिथि 19-06-1984 अंकित है। आयकर अधिनियम के तहत पैन कार्ड में पति का नाम दर्ज करने का प्रावधान नहीं है। पैन कार्ड में हमेशा धारक को अपने पिता का ही नाम लिखना होता है। पैन कार्ड बनावाने से पूर्व भरे जाने वाले फॉर्म में भी कहीं पति का कॉलम नहीं होता है। इधर दोनों पैन कार्ड पर श्वेता सिंह का नाम भी दो तरह से लिखा है। एक पैन कार्ड पर नाम SHWETA SINGH लिखा है, दूसरे कार्ड पर SHWETTA A लिखा है।
श्वेता सिंह के नाम पर तीन वोडर कार्ड, एक में पिता का नाम दिनेश सिंह
श्वेता सिंह के नाम के तीन वोटर कार्ड दिख रहे है। बोकारो विधानसभा क्षेत्र के वोटर आइडी, जिसमें श्वेता सिंह के नाम का उल्लेख है, उसमें अभिभावक या पति के कॉलम में संग्राम सिंह के नाम का उल्लेख है, इसमें उम्र 30 वर्ष बतायी गयी है, श्वेता सिंह के नाम से ही एक दूसरा वोटर आइडी बिहार के जमुई से जारी किया गया है, जमुई के झाझा विधानसभा के लिए जारी इस चुनाव पहचान पत्र में अभिभावक-पिता के कॉलम के सामने दिनेश कुमार सिंह दर्ज है। इस वोटर आइडी में श्वेता सिंह नाम की महिला की उम्र 43 वर्ष बतायी गयी है। एक वोटर आइडी में पति के नाम के आगे डॉक्टर लिखा है, इसमें डॉ संग्राम सिंह लिखा गया है। यह जांच का विषय है कि तीनों वोटर आइडी विधायक के ही हैं या किसी दूसरे के है।
विधायक श्वेता सिंह बीमार है, पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका इलाज बेंगलुरू के अस्पताल में चल रहा है। इस खबर के बारे में श्वेता सिंह की जगह उनके पति का पक्ष सामने आया है। उनके पति संग्राम सिंह ने कहा है कि विधायक के नाम पर एक ही पैन कार्ड है। इसमें गलती से पिता की जगह पति का नाम लिखा गया है। पहले पति का नाम लिखने का प्रावधान था, इसे सुधार लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि विधायक के पिता का नाम दिनेश सिंह है, दूसरा कोई पैन कार्ड है, तो दिखवा लेता हूं, इसका इस्तेमाल कहीं नहीं हुआ है। झारखंड के पैन का ही इस्तेमाल होता है। तीन-तीन वोटर कार्ड के संबंध में उन्होंने कहा कि पता नहीं ये कैसे हो रहा है। पहले भी यह मामला हम लोगों के संज्ञान में आया था, लेकिन पता नहीं कौन हर बार बदमाशी से बनवा लेता ह। यह पूछने पर कि कोई कैसे बना लेगा, संबंधित दस्तावेज कहां से लायेगा, विधायक पति संग्राम सिंह का कहना था कि विधायक का आधार कार्ड सब पब्लिक डोमेन में होता है, कोई बनवा लेता होगा, इसे ठीक करना होगा।