द फॉलोअप डेस्क
रांची शहर में यातायात को बेहतर बनाने के लिए 4 स्मार्ट सड़कें बनाई जाएंगी। बिरसा चौक से प्रोजेक्ट भवन तक 4.5 किलोमीटर लंबा स्मार्ट रोह पहले ही बन चुका है। अब पथ निर्माण विभाग ने 3 और स्मार्ट सड़कों का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही इन सड़कों के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।
यहां बनेंगा नई स्मार्ट सड़कें
रांची रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट तक – यह सड़क फोर लेन की होगी और इसकी लंबाई करीब 6 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बनने से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट के बीच सफर सिर्फ 5 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
विवेकानंद स्कूल चौक से नया सराय (रिंग रोड लिंक) – यह स्मार्ट रोड 8.3 किलोमीटर लंबी और 6 लेन चौड़ी होगी। इस सड़क पर वीआईपी और अन्य वाहनों के लिए अलग-अलग लेन होंगी। इस प्रोजेक्ट में भी 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जगन्नाथपुर मंदिर से डीएवी पुंदाग तक – यह फोर लेन स्मार्ट रोड 8.33 किलोमीटर लंबी होगी और इसे बनाने में 314 करोड़ रुपये लगेंगे। यह सड़क हाईकोर्ट, विधानसभा, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पुलिस मुख्यालय को जोड़ेगी।
स्मार्ट रोड की खासियत
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट- सड़कों पर जाम कम करने और यातायात को नियंत्रित करने के लिए आधुनिक सिस्टम लगाए जाएंगे।
सीसीटीवी कैमरे - सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे रास्ते पर निगरानी कैमरे लगाए जाएंगे।
स्मार्ट स्ट्रीट लाइट - रात में अच्छी रोशनी के लिए ऊर्जा बचाने वाली लाइटें लगाई जाएंगी।
पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए सुविधाएं-फुटपाथ और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे।
स्मार्ट कचरा प्रबंधन - कूड़ा निपटाने के लिए उचित प्रबंधन होगा ताकि सड़कें साफ-सुथरी रहें।
पर्यावरण के अनुकूल निर्माण - सौर ऊर्जा से चलने वाले ट्रैफिक सिग्नल, वर्षा जल संचयन, और पॉली फाइबर निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
हरियाली और बैठने की व्यवस्था - सड़कों के किनारे पेड़-पौधे लगाए जाएंगे और जगह-जगह बैठने के लिए गजेबो बनाए जाएंगे।
ऑप्टिकल फाइबर डक्ट और स्मार्ट पोल - भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़कों के नीचे यूटिलिटी डक्ट बनाए जाएंगे और बहुउपयोगी स्ट्रीट पोल लगाए जाएंगे।
क्या फायदा होगा?
इन स्मार्ट सड़कों के बनने से रांची शहर का यातायात बेहतर होगा, सफर आसान और सुरक्षित बनेगा, पर्यावरण को फायदा होगा और लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।