द फॉलोअप डेस्क
जेपीएससी पांचवी एवं लिमिटेड बैच के अधिकारियों का प्रमोशन पिछले एक साल से सुलझ ही नहीं रहा है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के कुछ अधिकारियों व सहायकों के साजिश का लगातार शिकार हो रहा है। प्रमोशन का फाइल पूरी तरह सचिवालयी शातिरगिरी का शिकार हो गया है। दिलचस्प यह है कि जेपीएससी पांचवीं एवं लिमिटेड बैच के 114 अधिकारियों को बेसिक ग्रेड से एसडीओ एवं समकक्ष रैंक में प्रमोशन को लेकर हर तरह के खेल गए हैं। अभी भी लगातार यह खेल जारी है। राजधानी से इतर दूर के किसी जिले में पदस्थापित इस बैच के अधिकारियों को प्रमोशन पाने के लिए व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से आदेश का पालन करने की हिदायत दी जा रही है। कार्मिक में प्रमोशन से जुड़े कनीय अधिकारियों, सहायकों के व्हाट्सअप कॉल की उच्चस्तरीय जांच करायी जाए तो भ्रष्टाचार के चौंकानेवाले तथ्य सामने आ सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
जेपीएससी पांचवीं एवं लिमिटेड बैच के अधिकारियों को बेसिक ग्रेड (5400 ग्रेड पे) से एसडीओ एवं समकक्ष रैंक (6600 ग्रेड पे) में प्रमोशन दिया जाना है। इसके लिए सितंबर 2024 में प्रमोशन की प्रक्रिया कार्मिक ने शुरू की। प्रमोशन देने के लिए लगभग 124 पद रिक्त हैं। इसके लिए 256 अधिकारियों की विचारण सूची बनायी गयी। उसके बाद शुरू हुआ खेल। कभी प्रोपर्टी रिटर्न तो कभी आरोप और कभी स्व मूल्यांकन सहित अन्य विषयों को लेकर प्रमोशन पानेवाले अधिकारियों को बुलाया जाने लगा। परेशान किया जाने लगा। जो अधिकारी मिलते गए। आदेश का पालन करते गए। सूची में उनका पेपर स्वच्छ होता गया। फिर 27 मार्च 2025 को प्रमोशन के लिए डीपीसी की बैठक की तिथि तय हुई। लेकिन उस दिन बैठक नहीं हुई। अगले दिन 28 मार्च को दिन के11.30 बजे बैठक की तिथि तय की गयी। सदस्य राजस्व पर्षद मस्त राम मीणा की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। लेकिन उसी दिन प्रोपर्टी रिटर्न का आंकड़ा भरने के लिए कार्मिक ने वेबसाइट खोल दिया गया। इस कारण मस्त राम मीणा ने उस दिन भी बैठक स्थगित कर दी।
23 अप्रैल को बैठक हुई, लेकिन कार्मिक ने डाला नया पेंच
23 अप्रैल 2025 को सदस्य राजस्व पर्षद मस्त राम मीणा की अध्यक्षता में डीपीसी की बैठक हुई। इसमें 114 अधिकारियों को प्रमोशन के योग्य पाया गया। 114 में 112 अधिकारी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। ग्रामीण विकास विभाग को सौंपी गयी सेवा वाले दो अधिकारी वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं। अब कार्मिक ने तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के एक आदेश का हवाला देते हुए वेटिंग फॉर पोस्टिंग में रहनेवाले अधिकारियों को प्रमोशन नहीं देने पर अड़ गया है। सभी 114 अधिकारियों को प्रमोशन देने से पहले वेटिंग फॉर पोस्टिंग में रहनेवाले दो अधिकारियों की पहले पोस्टिंग का फाइल बढ़ाया है। ताकि पोस्टिंग होने में लगनेवाले समय के बीच कुछ और प्राप्त किया जा सके। जबकि यही कार्मिक विभाग वेटिंग में रहनेवाले आईएएस व अन्य संवर्ग के अधिकारियों को प्रमोशन देता रहा है।
कार्मिक के इस खेल से कई संवर्ग है परेशान
प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस व अन्य सचिवालयों में कार्मिक के इस तरह के चक्रब्यूह की चर्चा अब तीखी होने लगी है। सचिवालय सेवा के अधिकारियों के प्रमोशन में भी कुछ इसी तरह का खेल खेला जा रहा है। इसके लिए क्रमांक एक से 40 और फिर क्रमांक 41 से उपर तक के अधिकारियों की सूची बनायी गयी है। अलग अलग सूची के अधिकारियों को अलग अलग तरह के फरमान और आदेश दिए जा रहे हैं। वो आदेश व फरमान क्या हैं, सचिवालय में कार्यरत सभी कर्मी व वरीय अधिकारियों की जानकारी में भी है।