द फॉलोअप डेस्कः
पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर बड़ा असर पड़ा है। यूरोप जाने वाली सभी फ्लाइट्स अब ईरान और अफगानिस्तान के रास्ते होकर जा रही हैं, जिससे यात्रा की दूरी और समय दोनों बढ़ गए हैं। इसका सीधा असर किराए पर पड़ा है। यूरोपीय देशों के लिए फ्लाइट का किराया करीब 50% तक बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर, रांची से लंदन जाने वाले यात्रियों को पहले जहाँ 40,000 में टिकट मिल जाता था, अब वही टिकट 70,000 तक का हो गया है। अमेरिका की उड़ानों का किराया 60,000 से बढ़कर 90,000 तक पहुँच गया है।
दूसरी ओर, खाड़ी देशों के लिए फ्लाइट्स अरब सागर से होकर जा रही हैं, जिससे ईंधन की लागत बढ़ गई है। इसका असर सऊदी अरब, दुबई और कुवैत जैसी जगहों पर भी देखा जा रहा है, जहाँ किराया 30% तक बढ़ा है। झारखंड चैंबर के कार्यकारिणी सदस्य और टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन शैलेश अग्रवाल का कहना है कि खाड़ी देशों में जाने वालों पर पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने का सीधा असर नहीं पड़ता, लेकिन यूरोप की दिशा में यह एक बड़ी बाधा बनकर सामने आया है।
इसके अलावा, पाकिस्तान सीमा से लगे पंजाब, गुजरात, शिमला और मनाली जैसे इलाकों के एयरपोर्ट्स से उड़ानें अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। यात्रियों को अब मेट्रो शहरों से बोर्डिंग करनी पड़ रही है। युद्ध जैसे हालात को देखते हुए कई एयरलाइंस ने अपनी फ्लाइट्स की संख्या भी कम कर दी है। यात्रियों में अनहोनी की आशंका के चलते खाड़ी देशों में जाने वालों की संख्या में भी गिरावट आई है।