द फॉलोअप डेस्क
रांची के सदर अस्पताल में सोमवार को प्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। हालात बिगड़ते देख अस्पताल प्रबंधन को पुलिस बुलानी पड़ी। मिली जानकारी के अनुसार मृतक अमन, जो एनआईटी का छात्र था, उसे 18 जनवरी को मेडिका अस्पताल से सदर अस्पताल में शिफ्ट किया गया था।
अमन के चाचा कौशल मिश्रा ने बताया कि इलाज के दौरान एक से सवा लाख रुपए की दवाइयां बाहर से मंगवाई गईं और 58 हजार रुपए की जांच कराई गई। उन्होंने अस्पताल में खराब ऑक्सीजन सप्लाई और गंदी बेडशीट जैसी अव्यवस्थाओं का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि राज्य का एकमात्र हेमेटोलॉजिस्ट सदर अस्पताल में है, इसलिए वे अपने भतीजे का इलाज यहां कराने आए थे। वहीं अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही के आरोपों को नकारा है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने कहा कि इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। बताया गया कि मरीज प्लास्टिक एनीमिया नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित था। उसका इलाज हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक रंजन कर रहे थे। मरीज का ब्लड और प्लेटलेट्स बहुत कम हो गया था, जिससे उसकी हालत गंभीर थी।
इलाज से पहले परिजनों को दी गई थी पूरी जानकारी
हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक रंजन ने बताया कि प्लास्टिक एनीमिया एक गंभीर बीमारी है, जिसमें बोनमैरो सूख जाता है और खून व प्लेटलेट्स की भारी कमी हो जाती है। उन्होंने कहा कि इलाज से पहले परिजनों को जोखिम की पूरी जानकारी दी गई थी। मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए उसे जनरल वार्ड में ही रखा गया था। डॉक्टर ने स्पष्ट किया कि इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाकर हंगामा किया। हालात बिगड़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने परिजनों को शांत कराया और स्थिति को संभाला।