द फॉलोअप डेस्क
14 जून को 'नर्व एंड माइंड, रांची' द्वारा शहर में पहली बार मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 70 लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न स्तरों पर उत्साह और भागीदारी दिखाई। आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में, जहां हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के तनाव से जूझ रहा है, मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत और इसे सामान्य मानने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। यह आयोजन मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित रहा, जिसमें प्रतिभागियों को अपने जीवन और विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया गया। आत्मचिंतन से जुड़ी गतिविधियों और ओपन माइक सत्र के ज़रिए प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और स्वयं को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास किया। कुछ प्रतिभागियों ने मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा करने में आनंद और उत्साह व्यक्त किया। वहीं अन्य लोगों ने यह बताया कि इस कार्यक्रम ने उन्हें स्वयं के कुछ ऐसे पहलुओं को स्वीकार करने और पहचानने में मदद की, जिन्हें वे पहले अनदेखा या नज़रअंदाज़ करते थे।
'नर्व एंड माइंड' के सदस्यों ने मानसिक एवं समग्र स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसमें संवाद की आवश्यकता, सीमाओं की अहमियत, और लोगों एवं जीवन के प्रति सहानुभूति, तर्कशीलता और निष्पक्ष दृष्टिकोण जैसे विषयों को प्रमुखता से उठाया गया। इसके अलावा, प्रतिभागियों ने अपने मित्रों और टीम के सदस्यों के साथ खुलकर चर्चा की, जिससे सभी के लिए एक समावेशी और सुरक्षित वातावरण तैयार हुआ। कुछ प्रतिभागियों ने जीवन अनुभवों पर आधारित कविताओं और कहानियों के ज़रिए अपनी सहभागिता दी, जबकि कुछ ने गीत गाकर और संगीत बजाकर आयोजन को जीवंत बना दिया। यह कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक रहा बल्कि कई लोगों के लिए यह एक ताज़गी भरा और पुनरुत्साह देने वाला मिलन बन गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को लेकर एक जागरूकता उत्पन्न करना था, साथ ही प्रतिभागियों को अपने विचार और चिंताएं व्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित मंच उपलब्ध कराना था। आज के दौर में जब मित्रों के बीच भी जीवन की कठिनाइयों पर खुलकर बातचीत कम हो गई है, ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। जैसे-जैसे कार्यक्रम अपने समापन की ओर बढ़ा, प्रतिभागियों ने 'नर्व एंड माइंड' दवारा किए गए प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि वे स्वयं को और अपनी भावनात्मक स्थिति को पहले से बेहतर ढंग से समझ पाए हैं। हम सभी के लिए एक समग्र रूप से बेहतर भविष्य की कामना करते हैं, जहां व्यक्ति अपने जीवन पर चिंतन कर सकें और अपने अनुभवों के आधार पर स्वयं को समझें ना कि केवल एकांत में। क्योंकि अगर हम अपनों से इन मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, तो अंततः हम स्वयं ही अपने लिए 'अजनबी' बन जाएंगे।
अक्सर ऐसा होता है कि जब मानसिक तनाव को पहचाना और संबोधित किया जाता है, तब तक वह इतना बढ़ चुका होता है कि उसका समाधान केवल मनोवैज्ञानिक सहायता से नहीं बल्कि मानसिक रोगों की दवाइयों से करना पड़ता है। यद्यपि ये दवाइयां प्रभावशाली होती हैं, परंतु ये व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और दैनिक जीवन की गतिविधियों को प्रभावित करती हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने का उद्देश्य यही है कि लोग यह समझें कि मानसिक तनाव होना सामान्य और आम बात है, और जैसे किसी भी बीमारी (जैसे उच्च रक्तचाप या कैंसर) को शुरुआती चरण में पहचान कर इलाज करना आसान होता है, वैसे ही मानसिक तनाव का समय रहते समाधान किया जाना चाहिए। जितना अधिक हम मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों को लेकर सतर्क, जागरूक और स्वीकार्य होंगे, उतना ही सरल होगा उनका समाधान और उससे बाहर निकलने का रास्ता।
'नर्व एंड माइंड' रांची शहर में मानसिक स्वास्थ्य सहायता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में है, और अपने पेशेवर कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहते हुए, हम निरंतर प्रयासरत हैं कि रांची एक ऐसा शहर बने जहाँ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समय रहते पहचाना, स्वीकार किया और दूर किया जा सके। इस दिशा में कलंक (stigma) को हटाना और मनोशिक्षा (psychoeducation) हमारी प्राथमिक रणनीतियों में शामिल हैं, और इसके लिए हमें लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। हमारी टीम पिछले 40 वर्षों से रांची की जनता की सेवा कर रही है, जिसका श्रेय डॉ. मुकेश के. सिन्हा, उनके पुत्र डॉ. सुयश सिन्हा संग उनके टीम युक्त श्रीमती आयुषी प्रियदर्शी, श्रीमती अंकिता सरकार एवं श्रीमती निदा मकबूल को जाता है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों ने आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे आयोजनों में भाग लेने की उत्सुकता भी जताई। हम आशा करते हैं कि अगली बार ऐसा कोई आयोजन और बड़े स्तर पर हो, ताकि समुदाय के और अधिक सदस्य इसमें भाग ले सकें और ऐसे मनोशैक्षिक कार्यक्रमों का प्रभाव और भी गहरा और व्यापक रूप में रांची के नागरिकों के भीतर महसूस किया जा सके।