रांची
झारखंड स्वास्थ्य निदेशालय ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में बिना अनुमति के प्रवेश करने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया है। इसका उद्देश्य अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ को कम करना, मरीजों की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखना तथा अस्पताल के संचालन को व्यवस्थित बनाना है।
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सीके शाही ने स्पष्ट किया है कि अपंजीकृत पत्रकारों, यूट्यूबरों, कैमरामैन और अन्य अनधिकृत व्यक्तियों को अब अस्पताल भवनों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यह निर्देश अस्पतालों के मुख्य द्वार के बाहर बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा ताकि सभी को इसकी जानकारी रहे।
यह फैसला 11 जून को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर लिया गया है। इस संबंध में निदेशक प्रमुख ने सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों और अन्य प्रमुखों को पत्र जारी किया है। निर्देश में कहा गया है कि अस्पतालों के प्रवेश द्वारों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएं। मरीजों की संख्या के अनुसार एक या दो द्वार ही खुले रखे जाएं, बाकी अनावश्यक द्वार बंद कर दिए जाएं। रात के समय यदि एक द्वार पर्याप्त हो, तो केवल वही चालू रखा जाए। इसके अलावा अस्पताल भवन और परिसर में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए और मुख्य द्वार पर हाई मास्ट एलईडी लाइट लगाई जाए।
मरीजों के परिजनों को मिलेगा बैज
अस्पतालों में अनावश्यक व्यक्तियों की आवाजाही रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है जिसके तहत मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को बैज जारी किया जाएगा। अस्पताल से बाहर जाते समय यह बैज वापस ले लिया जाएगा। धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सदर अस्पताल और शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कॉलेज व अस्पताल समेत राज्य के अन्य सरकारी अस्पतालों में इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि इसे जल्द पूरी तरह से अमल में लाया जाएगा।