द फॉलोअप डेस्क
38 करोड़ रुपये से ज्यादा के शराब घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। विनय चौबे ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर कहा कि ACB ने गिरफ्तारी में सुप्रीम कोर्ट की तय गाइडलाइनों का पालन नहीं किया।
गिरफ्तारी को बताया नियमों के खिलाफ
विनय चौबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी से पहले तय कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। उन्हें न तो गिरफ्तारी का कारण बताया गया और न ही सुप्रीम कोर्ट के ‘अरनेश कुमार बनाम बिहार’ मामले में दिए गए निर्देशों का पालन किया गया। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और गलत तरीके से की गई कार्रवाई बताया है।
बता दें कि 20 मई को ACB ने विनय कुमार चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि 2 निजी कंपनियों ने फर्जी बैंक गारंटी देकर सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया। इस मामले की शुरुआत छत्तीसगढ़ में दर्ज FIR से हुई थी। इसके बाद रांची ACB ने वर्ष 2024 में प्रारंभिक जांच (PE) शुरू की। जांच में घोटाले के संकेत मिलने के बाद ACB ने कांड संख्या 9/2025 के तहत मामला दर्ज किया और दोनों अफसरों को गिरफ्तार किया। फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है और अगली सुनवाई की तारीख का इंतजार किया जा रहा है।