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फादर्स डे स्पेशल : कभी पैसों के अभाव में मैट्रिक का फॉर्म नहीं भर पाए थे विश्वनाथ, आज सैलून चलाकर एक बेटे को बनाया पायलट तो दूसरे बेटा सेना में  

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द फॉलोअप डेस्क 
15 जून एक महत्वपूर्व दिन है जिसे फादर्स डे के नाम से जाना जाता है। आज फादर्स डे के अवसर पर गोड्डा के रहने वाले विश्वनाथ जिले भर के लिए मिशाल बन गए है। यह कहानी है गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट प्रखंड के फुलवार पंचायत के महुआटंड गांव की है। इस गांव के निवासी विश्वनाथ आज मिशाल हैं। मिशाल इसलिए की विश्वनाथ एक सैलून चलाते हैं और इसी सैलून के पैसों से अपने दोनों बेटों को पढ़ाकर दोनों को नौकरी दिलवाई। आज उनका एक बेटा सेना में राजस्थान के बीकानेर में पदस्थापित है और दूसरा बेटा अनुपम कुमार लोको पायलट। 

विश्वनाथ पैसे के अभाव में कभी 10वीं यानि मैट्रिक का फॉर्म नहीं भर पाए, जिसके बाद उन्होंने  ठान लिया कि बेटों की पढ़ाई में पैसों को बाधा बनने नहीं देंगे और सैलून का काम करके दोनों बेटों को पढ़ाकर उनके मंजिल तक पहुंचाया। विश्वनाथ ठाकुर  बताते हैं कि वह अपने पढ़ाई के समय में खुद मैट्रिक पास नहीं कर पाए थे, जिसका दुख आज भी है। लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाकर उन्हें सफल बनाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में एक बार छोटे बेटे का मैट्रिक का फॉर्म भरने के लिए पैसों की काफी कमी हो गई थी। वहीं आज दोनों बेटों की नौकरी होने के बाद भी सड़क किनारे विश्वनाथ ठाकुर सैलून आज भी चलाते है। 

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