रांची
हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक समारोह में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 138 पारा-वेट को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और 50 सहकारी समितियों को निबंधन प्रमाण पत्र सौंपे। इस अवसर पर मंत्री ने सहकारी समितियों की भूमिका को स्वरोजगार और ग्रामीण विकास के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में, जहां औद्योगिक अवसर सीमित हैं, वहां सहकारी समितियां विकास का मजबूत आधार बन सकती हैं। “कई राज्यों में सहकारी समितियां आज बड़े-बड़े कार्यों में योगदान दे रही हैं। हमें भी इस सोच के साथ सामूहिक प्रयास करने होंगे,” मंत्री ने कहा।
राज्य में फिलहाल 11,755 सहकारी समितियां रजिस्टर्ड हैं। मंत्री के अनुसार, इनमें से कुछ अच्छा कार्य कर रही हैं, जबकि कुछ निष्क्रिय पड़ी हैं। “ऐसी समितियों को एक अवसर दिया जाएगा, लेकिन अगर वे सक्रिय नहीं होतीं, तो उनका निबंधन रद्द किया जाएगा,” उन्होंने स्पष्ट किया।
महिलाओं को आर्थिक संसाधनों के उपयोग की जानकारी देने की जरूरत पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों को अपनी दिशा तय करनी होगी। पारा-वेट प्रशिक्षण के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इससे पशु चिकित्सा, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान जैसे कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में पशुधन सहायक की बहाली में प्रशिक्षित पारा-वेट को प्राथमिकता दी जाएगी। मोबाइल वेटनरी वैन में भी पारा-वेट की भूमिका तय की गई है।
मंत्री ने यह भी कहा कि "अगर हम अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण का उपयोग नहीं करेंगे तो उसका कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। जो सीखा है, उसे अपने क्षेत्र में लागू करें और दूसरों के साथ साझा करें — यही असली सेवा होगी।"
इस मौके पर उप निबंधक जॉर्ज अफ्रेम कुजूर, उप निदेशक मनोज तिवारी, सहायक निबंधक अशोक तिवारी, सैमसन टोप्पो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।