दिल्ली के राघवेन्द्र शर्मा ने UPSC में 340 रैंक प्राप्त किया है। हालांकि, उनकी तैयारी से लेकर सफलता तक का सफर आसान नहीं था। 24 साल के राघवेन्द्र ने इंटरनेट पर मौजूद स्टडी मटीरियल से तो कभी दोस्त से नोट्स मांगकर पढ़ाई की है। उन्होंने अपने मेहनत और लगन स
भारत में बेरोजगारी की समस्या से हर कोई वाक़िफ़ है। मगर आकड़े यह बताते हैं कि इस समस्या से जूझने में महिलाओ की संख्या ज्यादा हैं। देश की आधी आबादी यानी महिलाओं के रोजगार की समस्या बीते 5 साल में बढ़ी हैं। करीब सवा करोड़ महिलाओं का रोजगार छिना है। इसमें 25 लाख
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले को लेकर बीते करीब 1 महीने से झारखंड का माहौल गरमाया हुआ है। रोजगार, खतियान, भाषा और बिजली पानी के संकट पर चर्चा नहीं हो रही। मीडिया, सोशल मीडिया, घरों का डाइनिंग रूम हो या नुक्कड़ पर चाय की टपरी, हर जगह
दिन प्रति दिन झारखंड की नदियों का हाल बेहाल होता जा रहा है। इसके बाद बी आपको ये लग रहा है कि ये इस साल की गर्मी के कारण हो रहा है तो आपको ये बता दें कि ये मौसम नहीं बल्कि इंसानों की वजह से हुआ है। झारखंड की नदियां इतनी ज्यादा प्रदूषित हो गई हैं कि ना तो अ
20 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्रीय निर्वाचन आयोग की नोटिस का जवाब देना है। यदि 20 मई के बाद चुनाव आयोग का फैसला खनन पट्टा लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आता है। यदि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में हेमंत सोरेन को दोषी करार देकर उनकी
एक पुरानी कहावत है- "हम यह धरती अपने बच्चों से उधार लेते हैं"। यानी वे संसाधन जिनका आज हम या तो इस्तेमाल करते हैं या दोहन कर रहे हैं वो हमारे आने वाली नस्ल की धरोहर है। अपने गांव या शहर की गलियारों में गुजरा वह बचपन याद कीजिए। पता नहीं चलता था कि अहले स
भ्रष्टाचार और झारखंड का साथ मानो चोली दामन जैसा है। छुड़ाए नहीं छूट रहा है। यह पहली दफा नहीं है जब भ्रष्टाचार के दाग ने झारखंड को देश भर में शर्मसार किया हो। झारखंड के सफेदपोश पहले भी भ्रष्टाचार के कारनामों से दुनिया भर में प्रदेश की छवि धूमिल करते रहे ह
जब भी इंसान गर्मी में पसीने से तर बतर हो जाता है तो बस एक ही दुआ मांगता है की मानसून आ जाए लेकिन ये मानसून किसी की दुआओं से नहीं आता। मानसून के आने और जाने का अपना वक्त होता है। आपको बता दें के मानसून हर वर्ष सबसे पहले जून में केरल में आता है। वहां जून के
वादा रोजगार का है लेकिन सच बेरोजगारी है। दावा काम का है लेकिन हकीकत बेकारी है। सुर्खियों में भले ही कारण महामारी को बताया जा रहा है लेकिन वजह सरकारी है। बेरोजगारी महज शब्द, आंकड़ा और तथ्य नहीं है बल्कि इसमें अधूरे ख्वाब, टूटा हुआ सपना, नाउम्मीदी, हताशा, न
बाबूलाल मरांडी आजकल ज्योतिष विद्या में भी निपुण हो गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की भविष्यवाणियां इतनी सटीक साबित हो रही हैं कि बड़े से बड़ा ज्योतिषी भी चाय कम पानी लगे। राजनीति में एग्जिट पोल का अपना महत्व है लेकिन, इसकी भी एक सीमा है। भारत के चुनावी इतिहास
सफलता की कहानी संघर्ष और जूनून से लिखी जाती है। जिसका ताज़ा उदाहरण पेश कर रही हैं झारखंड की स्नेहा। जिन्होंने पहले जापान से स्कॉलरशिप की बदौलत एक साल की पढ़ाई पूरी की और अब अमेरिका के हॉर्वर्ड जाने की तैयारी में जुटी है। द फ़ॉलोअप की टीम ने स्नेहा से बात की
झारखंड में दिनों-दिन रिकॉर्ड तोड़ती गर्मी की उतनी चर्चा नहीं है जितनी सुर्खियां प्रदेश की सियासी तपिश बटोर रही है। राज्यपाल रमेश बैस के दिल्ली दौरे ने इस तपिश को और बढ़ा दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उन तमाम संभावनाओं क